- राजस्थान के डीडवाना-कुचामन जिले के किसान दयालराम डोडवाडिया ने अपने बेटे की बारात 101 ट्रैक्टरों पर निकाली
- बारात करीब एक किलोमीटर लंबी थी और लोग इसे देखकर वीडियो बनाने और चर्चा करने लगे थे
- दूल्हा महेंद्र खुद सजे-धजे ट्रैक्टर पर सवार होकर काफिले के सबसे आगे चल रहा था
शादी-बारातों में आलीशान गाड़ियां, लग्ज़री कारों और हेलीकॉप्टर का शोर जितना बढ़ रहा है, राजस्थान के एक किसान परिवार ने उतनी ही सादगी और अपनी जड़ों से जुड़ी मिसाल पेश की. डीडवाना-कुचामन जिले के हिराणी निवासी किसान दयालराम डोडवाडिया ने अपने बेटे महेंद्र की बारात लंबे वाहन-काफिलों को पीछे छोड़ते हुए 101 ट्रैक्टरों पर निकाली. बारात जब सड़क पर उतरी, तो देखने वालों की भीड़ ऐसे उमड़ी मानो कोई अनोखा जुलूस निकल रहा हो.

ट्रैक्टर पर बारात लेकर निकला दूल्हा
यह बारात करीब एक किलोमीटर से भी अधिक लंबी थी. जगह-जगह लोग बारात को रुककर देखते रहे, वीडियो बनाते रहे और चर्चा करते रहे कि जहां आज लोग हेलीकॉप्टर और महंगी गाड़ियों से बारात ले जाने की होड़ में हैं, वहीं एक किसान परिवार ने अपने पेशे और पहचान को सबसे ऊपर रखते हुए अपने बेटे की बारात ट्रैक्टरों पर निकाली. दूल्हा महेंद्र खुद सजे-धजे ट्रैक्टर पर सवार होकर काफिले के सबसे आगे चला.

अनोखी बारात को देखने उमड़े लोग
बारात करीब 11 किलोमीटर का सफर तय करते हुए भैरूपुरा गांव पहुंची. दुल्हन सुमन के घर पहुंचते ही लोग इस ऐतिहासिक और अनोखी बारात को देखने उमड़ पड़े. हर कोई हैरान था कि इतनी लंबी ट्रैक्टर-बारात शायद उन्होंने पहली बार देखी. दूल्हे महेंद्र डोडवाडिया ने बताया कि मैं किसान परिवार से हूं. ट्रैक्टर किसान की पहचान है. इसलिए बारात को ट्रैक्टरों पर निकालने का फैसला लिया. यह गर्व की बात है कि मेरे सभी किसान साथी अपने-अपने ट्रैक्टरों के साथ बारात में शामिल हुए.
दूल्हे के पिता ने क्या कुछ कहा
दूल्हे के पिता दयालराम डोडवाडिया ने कहा कि हम खुद खेती-किसानी का काम करते हैं. धरती पुत्र किसानों की पहचान ट्रैक्टर है. बेटे की बारात में किसान भाइयों को उनके ट्रैक्टरों के साथ शामिल करना चाहता था. इसलिए पहले से ही तय कर लिया था कि बारात ट्रैक्टरों पर ही निकाली जाएगी.
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