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This Article is From Jun 07, 2023

मध्य प्रदेश में वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने के लिए राज्य चुनाव आयोग बनाने जा रहा है COWIN जैसा ऐप

मध्यप्रदेश राज्य चुनाव आयोग के सीईओ अनुपम राजन ने कहा कि हम एक ऐसे ऐप पर काम कर रहे हैं, जो कुछ शहरी विधानसभा क्षेत्रों के चुनिंदा मतदान केंद्रों में मतदाताओं को अपने वोटिंग स्लॉट को पहले से बुक करने और निर्धारित समय पर वोट डालने में मदद करेगा.

मध्य प्रदेश में वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने के लिए राज्य चुनाव आयोग बनाने जा रहा है COWIN जैसा ऐप
भोपाल:

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग ने तैयारी तेज कर दी है. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए एक ऐप बेस्ड सिस्टम तैयार किया जा रहा है. इस सिस्टम के तैयार हो जाने के बाद शहरी क्षेत्रों के चुनिंदा मतदान केंद्रों पर अपनी पसंद से पोलिंग बूथ को चुनने की सुविधा मतदाताओं को मिल जाएगी. ऐसी व्यवस्था उन जगहों के लिए करने की योजना है जहां परंपरागत तौर पर कम मतदान होते रहे हैं. चुनाव आयोग की तैयारी है कि  COWIN जैसे एक ऐप का निर्माण किया जाए जिससे कि मतदाता अपनी सुविधा के अनुसार बूथ और स्लॉट का चयन कर पाएंगे.

मतदान के लिए कर पाएंगे स्लॉट बुक

मध्यप्रदेश राज्य चुनाव आयोग के सीईओ अनुपम राजन ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत का एक विस्तृत विश्लेषण बताता है कि शहरी विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता बड़े पैमाने पर ग्रामीण और अर्ध-शहरी सीटों के मतदाताओं की तुलना में अपने मताधिकार का प्रयोग करने में कम सक्रिय हैं. इसलिए, हम एक ऐसे ऐप पर काम कर रहे हैं, जो कुछ शहरी विधानसभा क्षेत्रों के चुनिंदा मतदान केंद्रों में मतदाताओं को अपने वोटिंग स्लॉट को पहले से बुक करने और निर्धारित समय और स्लॉट पर वोट डालने में मदद करेगा.

 "बुजुर्गों को होगा फायदा"

राजन ने आगे बताया कि एक बार ऐप विकसित हो जाने के बाद, हम अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे. प्रारंभ में, इस प्रणाली को उन विशिष्ट निर्वाचन क्षेत्रों के चुनिंदा बूथों पर लागू किया जाएगा, जहां ऐतिहासिक रूप से कम मतदान होते रहे हैं. मध्यप्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी का मानना रहा है कि यदि यह प्रणाली लागू की जाती है और प्रभावी साबित होती है, तो यह मतदान केंद्रों पर प्रतीक्षा समय को कम कर देगी. विशेष रूप से  गृहिणियों और बुजुर्गों को इससे फायदा होगा.

गांव की तुलना में शहर का मतदान प्रतिशत कम रहा है

2018 के विधानसभा चुनावों के विश्लेषण से पता चला है कि सबसे कम मतदाता वाली दस विधानसभा सीटों में से पांच मुख्य रूप से शहरी सीटें हैं. इनमें ग्वालियर-पूर्व (58.18%), ग्वालियर-दक्षिण (60.45%), गोविंदपुरा-भोपाल (61.19%), भोपाल मध्य (59.55%), और भिंड (58.70%) शामिल हैं. दूसरी ओर, 2018 के चुनावों में सबसे अधिक मतदान वाले शीर्ष दस विधानसभा क्षेत्र मुख्य रूप से छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा, सौसर और चौरई जैसे ग्रामीण सीटों के साथ-साथ थांदला, सैलाना, खिलचीपुर, मल्हारगढ़, इछावर, बदनावर और राजगढ़ थे.

2018 के चुनावों में कम मतदान प्रतिशत वाली सीटों में से, भोपाल मध्य सीट में कई आवासीय इलाके शामिल हैं, जिनमें शीर्ष नौकरशाहों के आवास भी शामिल हैं. इसी तरह, भोपाल में गोविंदपुरा सीट में कई नए और विकासशील आवासीय टाउनशिप भी शामिल हैं जहां कम वोट पड़े थे. इसी तरह, ग्वालियर पूर्व सीट पर भी ऐसे ही हालत देखने को मिले थे.

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