Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)के इंदौर (Indore) शहर में एक चूड़ी बेचने वाले तस्लीम (Bangle-seller Tasleem)का बेरहमी से पिटाई का वीडियो पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. आरोप है कि उसने पीएम आवास योजना का लाभ लेने के लिए फर्जी नाम और आईडी कार्ड दिया और दूसरा आधार कार्ड बनवाया. 13 वर्ष की बच्ची के साथ छेड़छाड़ की शिकायत पर उसके खिलाफ Pocso एक्ट और आईपीसी की धाराओं के अंतर्गत केस भी दर्ज किया गया है और 3 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. एक पुलिस टीम इस मामले में जांच के लिए तस्लीम के मूल निवास उत्तर प्रदेश के हरदोई गई थी जहां परिजनों ने बताया कि उसे (तस्लीम को) पीएम आवास ययोजना के अंतर्गत एक मकान आवंटित हुआ था लेकिन उसके नाम में कुछ त्रुटि थी. ऐसे में नाम की त्रुटि ठीक कराने के स्थान पर उसने असलीम के गलत नाम से एक अलग आईडी कार्ड बनवा लिया.
नाम पूछकर चूड़ी विक्रेता को पीटने के मामले में चार लोग गिरफ्तार, सड़क पर उतरा हिंदू जागरण मंच
गौरतलब है कि पिटाई की यह घटना रविवार 22 अगस्त को गोविंद नगर के बाणगंगा इलाके की बताई जा रही है. इस मामले में इंदौर पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए घटना के चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पीड़ित ने आरोप लगाया था कि वह बाणगंगा इलाके में चूड़ियां बेच रहा था, तभी आरोपियों ने उस पर हमला कर दिया. पीड़ित ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा था कि आरोपियों ने पहले मेरा नाम पूछा और मेरा नाम डायल करने के बाद मुझे पीटना शुरू कर दिया, उन्होंने मेरे पैसे भी लूट लिए और चूड़ियां और अन्य सामग्री जो मैं ले जा रहा था, उन्हें भी तोड़ दिया.
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उधर, 13 साल की बच्ची की ओर से दी गई एफआईआर के मुताबिक- मेरे घर एक चूड़ी बेचने वाला लड़का आया था. नाम पूछने पर अपना नाम गोलू पिता मोहन सिंह बताया और अधजला वोटर आईडी कार्ड दिखाया, मेरी मां पैसे लेने अंदर गई तो मेरा हाथ बुरी नियत से पकड़कर सहलाने लगा. मैं चिल्लाई तो आसपास रहने वाले भैय्या और मां अंदर से आ गई तो वो गुस्से में धमकी देकर भागने लगा. आसपास के लोगों ने उसे पीछा कर पकड़ा फिर मुझे नहीं मालूम वहां क्या हुआ. मैं लोकलाज के कारण कल रिपोर्ट करने नहीं गई थी.इस बीच, चूड़ी विक्रेता तस्लीम की पुलिस रिमांड इंदौर पुलिस को नहीं मिली है. पुलिस की ओर से न्यायालय से रिमांड मांगी गई थी लेकिन न्यायालय ने साफ कर दिया कि जब पुलिस खुद यह कह रही है कि उसके शरीर पर चोट के निशान होने से वह अदालत में पेश नहीं हो सकता, साथ ही कोरोना टेस्ट भी कराया जाना है और सुरक्षा की दृष्टि से उसे न्यायालय में पेश नहीं किया गया. इसीलिए वीडियो कॉन्फ्रेसिंग कराई गई तो फिर उसका रिमांड क्यों दिया जाए? जेल से ही वीडियोकॉन टीवी के जरिए चूड़ी वाले तस्लीम की पेशी हुई जिसके बाद 3 सितंबर तक उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया. इस मामले में छूट वाले तस्लीम के अधिवक्ता ज्वलंत सिंह का कहना है कि पुलिस द्वारा गलत अपराध दर्ज किया गया है जिसके तहत जल्द जमानती आवेदन पेश किया जाएगा.
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