इंदौर में चूड़ी बेचने वाला मुस्लिम पिटाई खाने के बावजूद 28 घंटे में पीड़ित से आरोपी बन गया, उठे 4 बड़े सवाल

एफआईआर के मुताबिक- मेरे घर एक चूड़ी बेचने वाला लड़का आया. नाम पूछने पर अपना नाम गोलू पिता मोहन सिंह बताया और अधजला वोटर आईडी कार्ड दिखाया, मेरी मां पैसे लेने अंदर गई तो मेरा हाथ बुरी नियत से पकड़कर सहलाने लगा. मैं चिल्लाई तो आसपास रहने वाले भैय्या और मां अंदर से आ गई तो वो गुस्से में धमकी देकर भागने लगा. आसपास के भैय्या लोगों ने उसे पीछा कर पकड़ा फिर मुझे नहीं मालूम वहां क्या हुआ.

भोपाल:

22 अगस्त को इंदौर मैं एक चूड़ी बेचने वाले की बेरहमी से पिटाई की गई, पिटाई का वीडियो वायरल हुआ. देर रात तक वीडियो में हुई बर्बरता के खिलाफ हज़ारों लोग कोतवाली पुलिस स्टेशन के सामने इकठ्ठा हो गए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की तब कहीं जाकर एफआईआर दर्ज हुई. हालांकि अगले दिन यानी 23 अगस्त की शाम पिटने वाले शख्स के खिलाफ भी एक 13 साल की बच्ची की शिकायत पर IPC की सात धाराओं सहित POCSO ACT की धारा 7 और धारा 8 के तहत मामला दर्ज़ हो गया. एफआईआर के मुताबिक- मेरे घर एक चूड़ी बेचने वाला लड़का आया. नाम पूछने पर अपना नाम गोलू पिता मोहन सिंह बताया और अधजला वोटर आईडी कार्ड दिखाया, मेरी मां पैसे लेने अंदर गई तो मेरा हाथ बुरी नियत से पकड़कर सहलाने लगा. मैं चिल्लाई तो आसपास रहने वाले भैय्या और मां अंदर से आ गई तो वो गुस्से में धमकी देकर भागने लगा. आसपास के भैय्या लोगों ने उसे पीछा कर पकड़ा फिर मुझे नहीं मालूम वहां क्या हुआ. मैं लोकलाज के कारण कल रिपोर्ट करने नहीं आई. 24 घंटे में पीड़ित आरोपी बन गया. अब इस मामले में कई सवाल खड़े हो रहे हैं.  कुछ तथ्यों को इस मामले में देखने और समझने की ज़रूरत है जिससे पता लग सके कि क्या वाकई आरोपी तसलीम ने इस घटना को अंजाम दिया या उसे एक सोची समझी साज़िश के तहत फंसाया जा रहा है ?
पहला सवाल- अपनी शिकायत में नाबालिग बच्ची ने पुलिस को बताया कि घटना के समय उसके पिता बाजार गए हुए थे, अब 23 अगस्त को दोपहर में इंदौर पूर्व के SP आशुतोष बागरी का बयान याद कीजिये उन्होंने कहा था 
“इसमें कल जो बाणगंगा थाना क्षेत्र में एक घटना हुई जिसमें एक चूड़ी बेचने वाला आया था उसके साथ कुछ लोगों ने मारपीट की और उसके बाद वीडियो वायरल हुआ. वायरल होने के बाद पुलिस ने इसमें मुकदमा दर्ज़ किया है गंभीर धाराओं में मामला दर्ज़ किया गया है और क्योंकि पुलिस के पास भी ये वीडियो था तो पुलिस ने उसमे से आरोपियों कि पहचान कर ली है. उसमें तीन आरोपी मुख्य रूप से हैं जो मारते हुए दिख रहे हैं - राजकुमार भटनागर, और विवेक व्यास और बाकी मारने के लिये उकसा रहे हैं. इसमें तीन इसमें नामजद हैं,  दो को राउंड उप कर लिया गया है और तीसरे के लिए पुलिस संपर्क मैं है” ( हमने जानबूझकर एक आरोपी का नाम जाहिर नहीं किया क्योंकि वो शिकायतकरने वाली बच्ची के पिता हैं) साफ है कि दोपहर तक पुलिस को पता नहीं था कि मारपीट के एक आरोपी पीड़ित बच्ची के पिता हैं, क्योंकि पुलिस की FIR के मुताबिक पीड़ित बच्ची ने खुद के साथ हुई दुर्घटना  कि जानकारी पुलिस को 23 अगस्त को शाम 5  बज कर 49 मिनट पर दी थी. तसलीम पर आईपीसी की धारा 354, 354 ए, 467,468,471,420, 506 और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम की धारा 7 और 8 के तहत जालसाजी / धोखाधड़ी के अलावा छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के लिए मामला दर्ज किया गया था.

दूसरा सवाल- राज्य के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा का बयान जो उन्होंने सुन लीजिये जो उन्होंने 23 अगस्त को सुबह लगभग 11 बजे दिया था जिसमें वो कहते हैं, “चूड़ी बेचने का काम वो व्यक्ति नाम छिपा कर, जाति छिपाकर, वल्दियत छुपाकर और धर्म छिपा कर रहा था, प्रशासन ने जो जानकारी दी है उस से ये पता चला है  हमारे यहां सावन के त्योहार पर बहू-बेटियों में चूड़ियां, पहनाने की परम्परा है, मेहंदी लगाती हैं, उसी दौरान चूड़ियां पहनाते हुए ये भ्रम कि स्थिति पैदा हुई. वहां से जब गहराई में गए तो पता चला आधार कार्ड भी दो हैं और फिर वहीं से ये पिटाई कि घटना हुई.  गौर करने वाली बात ये है कि गृहमंत्री ने जब ये बयान दिया उस वक्त तक पीड़ित बच्ची कि शिकयत पुलिस को नहीं मिली थी, शिकायत इस बयान के लगभग 6-6.30 घंटे बाद मिली 5.49 मिनट पर.  जबकि लगभग जो बातें गृहमंत्री ने कहीं उसी का ज़िक्र FIR में भी है. 

तीसरा  सवाल- पीड़ित बच्ची कि शिकायत पर जो FIR लिखी गयी उसमे इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि बच्ची लोक लाज से करीब 28 घंटे बाद शिकायत करने पुलिस के पास पहुंची,  दूसरी तरफ मार पीट की घटना के बाद तस्लीम खुद पुलिस के पास पहुंचा जिसका उल्लेख उसकी FIR में भी है, ये FIR 23 अगस्त सोमवार को आधी रात को 12  बजकर 32 मिनट पर लिखी गयी और इस एफआईआर फिर के मुताबिक पुलिस को घटना की सूचना 22 अगस्त को रात 11 बजकर 40 मिनट पर मिली. ये वही समय था जब इंदौर कोतवाली के सामने हज़ारों लोग इकठ्ठा होकर चूड़ी वाले को मारने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे, इस एफआईआर के मुताबिक तस्लीम पुलिस को बता रहा है की किस तरह से उसके साथ मारपीट और लूट हुई साथ में ये भी बता रहा है की घटना के तुरंत बाद वो पुलिस स्टेशन गया जहाँ से तस्दीक करने के लिए दो जवान उसके साथ मौका-ए-वारदात पर गए. अब सवाल ये उठता है कि जिस व्यक्ति की किसी बच्ची के साथ छेड़छाड़ के आरोप में बेरहमी से पिटाई हुई हो वो क्या खुद पुलिस स्टेशन अपनी शिकायत करने जाएगा या पुलिस से बचने के लिए फरार हो  जाएगा. और दूसरी क्या बच्ची के परिजन लोक लाज के डर से पुलिस को कुछ नहीं बताएंगे.

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चौथा सवाल- "अरे एक-एक तो सब मारो यार, अरे उस चक्कर में ही मार दो कि बंबई बाजार का बदला ले रहे हो"  वायरल वीडियो में कई गालियों के मारपीट करने वालों को ये कहते सुना गया कि बंबई बाजार का बदला लेने के लिए मारो. दरअसल, कुछ दिनों पहले वाल्मीकि समुदाय की दो नाबालिग बच्चियों के साथ छेड़छाड़ और उनके चाचा की कथित तौर पर मुस्लिम बहुल बॉम्बे बाज़ार में पिटाई हुई थी. सवाल ये है कि अगर तसलीम बच्ची के साथ छेड़खानी करके भागा था तो पीटने वाले उस घटना को छेड़ 10 दिनों पहले हुई वारदात का ज़िक्र क्यों कर रहे थे.जबकि शिकायतकर्ता के घर से मुश्किल से 500 मीटर की दूरी पर उसे पीटा गया. तसलीम के वकील एहतेशाम हाशमी का कहना था काउंटर केस बनाकर इस केस को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. पुलिस प्रशासन ने जिसको बीजेपी के गुंडो ने मारा है उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा -3 में मामला दर्ज कर लिया है. मुझे लगता है ये लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का उल्लंघन है, मुझे लगता है मध्य प्रदेश शासन सरकार के दबाव में काम कर रही है और इस केस को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है.