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मुंबई में 82 साल के बुजुर्ग से साइबर ठगी, फर्जी CBI अफसर ने डराकर ऐसे लगाया 1.8 करोड़ रुपये का चूना

Mumbai Cyber Fraud: ठगों ने बुजुर्ग को कई दिनों तक वीडियो कॉल के ज़रिए संपर्क में रखा और उन्हें धमकाया कि अगर उन्होंने यह बात अपने बच्चों या किसी और को बताई तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

मुंबई में 82 साल के बुजुर्ग से साइबर ठगी, फर्जी CBI अफसर ने डराकर ऐसे लगाया 1.8 करोड़ रुपये का चूना
मुंबई में बुजुर्ग के साथ साइबर फ्रॉड. (सांकेतिक फोटो)
  • मुंबई के विले पार्ले इलाके में 82 साल के बुजुर्ग के साथ साइबर फ्रॉड कर 1.8 करोड़ रुपये की ठगी की गई.
  • ठगों ने खुद को टेलीकॉम विभाग, दिल्ली पुलिस और CBI के अधिकारी बताकर बुजुर्ग को डराकर पैसे ऐंठे.
  • ठगों ने क्लियरेंस सर्टिफिकेट के नाम पर कई दिनों तक धमकाते हुए बुजुर्ग के खाते से पैसे ट्रांसफर करवाए
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मुंबई:

मुंबई में बुजुर्गों के साथ साइबर फ्रॉड के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. हाल ही में डिजिटल अरेस्ट के दो बड़े मामले सामने आए थे. अब एक बार फिर से एक बुजुर्ग को ठगों ने निशाना बनाया है. मामला मुंबई के विले पार्ले (पश्चिम) इलाके का है. यहां पर एक 82 साल के रिटायर्ड बुजुर्ग के साथ बड़ा साइबर फ्रॉड हो गया. ठगों ने खुद को टेलीकॉम विभाग, दिल्ली पुलिस और CBI का अफसर बताकर बुजुर्ग को 1.08 करोड़ का चूना लगा दिया.

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 इस पूरे मामले की शिकायत के बाद वेस्ट रीजन साइबर पुलिस स्टेशन में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. बुजुर्ग से साथ ठगी का यह खेल शुरू कैसे हुआ, आपको बताते हैं.

वीडियो कॉल से शुरू हुआ ठगी का खेल

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 30 सितंबर 2025 को पीड़ित बिधिन मनहरलाल बक्शी को एक वॉट्सएप वीडियो कॉल आया था. कॉल करने वाले ने खुद को दिल्ली टेलीकॉम विभाग का अधिकारी पवन कुमार बताया. उसने कहा कि बक्शी के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर किसी ने कैनरा बैंक में फर्जी अकाउंट खोला है. उसी के जरिए अंतरराष्ट्रीय लेनदेन किए जा रहे हैं.

कुछ ही देर बाद उन्हें एक और कॉल आई, जिसमें कॉलर ने खुद को दिल्ली पुलिस की सब-इंस्पेक्टर खुशी शर्मा बताया. इसके बाद एक और वीडियो कॉल में एक व्यक्ति ने CBI अधिकारी हेमराज कोहली बनकर धमकी दी कि उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी होने वाला है.

‘क्लियरेंस सर्टिफिकेट' के नाम पर लाखों ठगे

इन फर्जी अधिकारियों ने बुजुर्ग को डराया कि अगर वे जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. ठगों ने कहा कि गिरफ्तारी से बचने और ‘क्लियरेंस सर्टिफिकेट' हासिल करने के लिए बुजुर्ग को अपने बैंक खातों की जानकारी देनी होगी. डरे और घबराए हुए बुजुर्ग ने अपनी और अपनी पत्नी के खातों से कुल 1.8 करोड़ रुपये ठगों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए.

बुजुर्ग को कई दिनों तक धमकाया

ठगों ने बुजुर्ग को कई दिनों तक वीडियो कॉल के ज़रिए संपर्क में रखा और उन्हें धमकाया कि अगर उन्होंने यह बात अपने बच्चों या किसी और को बताई तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

साइबर पुलिस की जांच जारी

कुछ दिनों बाद जब बुजुर्ग को एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हुई है. इसके बाद उन्होंने वेस्ट रीजन साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. हैरानी की बात यह है कि मुंबई में लगातार साइबर फ्रॉड का शिकार बुजुर्ग हो रहे हैं. पिछले दिनों एक बुजुर्ग बिजनेसमैन से डिजिटल अरेस्ट कर 55 करोड़ से ज्यादा ठग लिए गए थे.

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