प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तार महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की जमानत अर्जी पर बॉम्बे हाईकोर्ट में 8 अप्रैल को सुनवाई होगी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मामले में जवाब देने को कहा है. गौरतलब है कि इससे पहले, 14 मार्च को कोर्ट ने अनिल देशमुख की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. सेशन जज आरएन रोकड़े ने कहा था कि पहली नजर में देशमुख के खिलाफ मनी लांड्रिंग केस के लिए पर्याप्त सबूत हैं. देशमुख फिलहाल मुंबई की आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में हैं.
अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग मामले के सिलसिले में पिछले साल एक नवंबर को गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में हैं. भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरूपयोग के आरोपों को लेकर देशमुख के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के पिछले साल 21 अप्रैल को एक प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद ईडी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता तथा उनके सहयोगियों के विरूद्ध जांच शुरू की थी.ईडी का कहना है कि देशमुख ने राज्य के गृह मंत्री पद पर रहने के दौरान आधिकारिक पद का कथित तौर पर दुरुपयोग किया तथा पुलिस अधिकारी (अब बर्खास्त) सचिन वाझे के जरिए मुंबई में विभिन्न बार से 4.70 करोड़ रुपये की उगाही की. ईडी ने आरोप लगाया है कि यह धन नागपुर के श्री साईं शिक्षण संस्था को हस्तांतरित किया गया. इस शिक्षण न्यास की बागडोर देशमुख परिवार के हाथों में है. पलांडे और शिंदे ने बेहिसाबी धन का शोधन करने में अहम भूमिका निभाई थी.
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