भारतीय मूल के ब्रिटिश हिन्दी लेखक तेजेन्द्र शर्मा को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा मेंबर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर के लिए चुना गया है. तेजेन्द्र ने लंदन से फोन पर बताया, इस पुरस्कार का श्रेय मेरे पिता नंद गोपाल मोहला और दिवंगत पत्नी इंदु को जाता है. उन्होंने कहा, ब्रिटेन की महारानी द्वारा किसी हिन्दी लेखक को उसके साहित्यिक अवदान के लिए सम्मानित किया जाना एक ऐतिहासिक घटना है. इससे हिन्दी को वैश्विक भाषा बनने में और बल मिलेगा.
ब्रिटिश सरकार द्वारा जारी किये गये आधिकारिक दस्तावेज लंदन गजट में तेजेन्द्र के नाम की घोषणा की गई. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरिजा मे की सिफारिश पर महारानी एलिजाबेथ ने तेजेन्द्र के नाम को इस सम्मान के लिए अपनी मंजूरी प्रदान की. उन्हें महारानी अपने सेंट जेम्स पैलेस में आयोजित विशेष समारोह में यह सम्मान प्रदान करेंगी.
तेजेन्द्र शर्मा यह सम्मान प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हैं जिन्हें हिंदी लेखन, हिंदी साहित्यकी सेवा और सामुदायिक एकजुटता की गतिविधियों के लिए यह सम्मान मिल रहा है. अलग-अलग श्रेणियों में यह सम्मान अभिनेता ओमपुरी, सलमान रूश्दी, वी. एस. नायपाल, विक्रम सेठ, अनीश कपूर आदि कई हस्तियों को मिल चुका है. भारत में इन्हीं सम्मानों के तर्ज पर पद्म सम्मान दिये जाते हैं.
सांसद बॉब ब्लैकमैन ने की तेजेन्द्र की तारीफ
ब्रिटेन के सत्तारुढ़ कंजरवेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा है कि तेजेन्द्र ने अपने साहित्य लेखन के जरिये पिछले दो दशकों से विभिन्न समुदायों के बीच एकजुटता बनाने में महत्वपूर्ण योगदान किया है. वहीं मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी के सांसद गैरेथ टॉमस का कहना है कि ब्रिटेन में प्रकाशित हिन्दी की अकेली साहित्यिक पत्रिका पुरवाई के संपादक तेजेन्द्र शर्मा ने अपनी संस्थान कथा यूके के जरिये सामाजिक सौहार्द बढ़ाने का काम किया है.
लेबर पार्टी के एक दूसरे सांसद वीरेन्द्र शर्मा ने कहा कि वे तेजेन्द्र शर्मा के साहित्यिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जुड़े रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां ब्रिटेन में प्रवासी हिन्दी साहित्य का मुख्य विषय भारत के प्रति अतीत मोह है वहीं तेजेन्द्र शर्मा का लेखन हमेशा ब्रिटेन के जीवन पर केन्द्रित रहा है.
पंजाब में हुआ था तेजेंद्र का जन्म
पंजाब के जगरांव में 21 अक्तूबर 1952 को एक साधारण परिवार में जन्मे तेजेन्द्र शर्मा की लगभग दो दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. उन्हें भारत में साहित्य लेखन के लिए दर्जनों पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है.
तेजेन्द्र लंबे समय तक एयर इंडिया में काम करने के बाद 1998 में ब्रिटेन में बस गये. उन्होंने दूरदर्शन और आकाशवाणी के साथ-साथ कुछ समय बीबीसी लंदन में भी काम किया. उनकी संस्था कथा यूके हर साल ब्रिटिश संसद में किसी भारतीय लेखक को इंदु शर्मा अंतरराष्ट्रीय कथा सम्मान प्रदान करती है. इन दिनों वह ब्रिटिश रेलवे में काम करते हुए अपने नये उपन्यास के सृजन कार्य में लगे हुए हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ब्रिटिश सरकार द्वारा जारी किये गये आधिकारिक दस्तावेज लंदन गजट में तेजेन्द्र के नाम की घोषणा की गई. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरिजा मे की सिफारिश पर महारानी एलिजाबेथ ने तेजेन्द्र के नाम को इस सम्मान के लिए अपनी मंजूरी प्रदान की. उन्हें महारानी अपने सेंट जेम्स पैलेस में आयोजित विशेष समारोह में यह सम्मान प्रदान करेंगी.
तेजेन्द्र शर्मा यह सम्मान प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हैं जिन्हें हिंदी लेखन, हिंदी साहित्यकी सेवा और सामुदायिक एकजुटता की गतिविधियों के लिए यह सम्मान मिल रहा है. अलग-अलग श्रेणियों में यह सम्मान अभिनेता ओमपुरी, सलमान रूश्दी, वी. एस. नायपाल, विक्रम सेठ, अनीश कपूर आदि कई हस्तियों को मिल चुका है. भारत में इन्हीं सम्मानों के तर्ज पर पद्म सम्मान दिये जाते हैं.
सांसद बॉब ब्लैकमैन ने की तेजेन्द्र की तारीफ
ब्रिटेन के सत्तारुढ़ कंजरवेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा है कि तेजेन्द्र ने अपने साहित्य लेखन के जरिये पिछले दो दशकों से विभिन्न समुदायों के बीच एकजुटता बनाने में महत्वपूर्ण योगदान किया है. वहीं मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी के सांसद गैरेथ टॉमस का कहना है कि ब्रिटेन में प्रकाशित हिन्दी की अकेली साहित्यिक पत्रिका पुरवाई के संपादक तेजेन्द्र शर्मा ने अपनी संस्थान कथा यूके के जरिये सामाजिक सौहार्द बढ़ाने का काम किया है.
लेबर पार्टी के एक दूसरे सांसद वीरेन्द्र शर्मा ने कहा कि वे तेजेन्द्र शर्मा के साहित्यिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जुड़े रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां ब्रिटेन में प्रवासी हिन्दी साहित्य का मुख्य विषय भारत के प्रति अतीत मोह है वहीं तेजेन्द्र शर्मा का लेखन हमेशा ब्रिटेन के जीवन पर केन्द्रित रहा है.
पंजाब में हुआ था तेजेंद्र का जन्म
पंजाब के जगरांव में 21 अक्तूबर 1952 को एक साधारण परिवार में जन्मे तेजेन्द्र शर्मा की लगभग दो दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. उन्हें भारत में साहित्य लेखन के लिए दर्जनों पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है.
तेजेन्द्र लंबे समय तक एयर इंडिया में काम करने के बाद 1998 में ब्रिटेन में बस गये. उन्होंने दूरदर्शन और आकाशवाणी के साथ-साथ कुछ समय बीबीसी लंदन में भी काम किया. उनकी संस्था कथा यूके हर साल ब्रिटिश संसद में किसी भारतीय लेखक को इंदु शर्मा अंतरराष्ट्रीय कथा सम्मान प्रदान करती है. इन दिनों वह ब्रिटिश रेलवे में काम करते हुए अपने नये उपन्यास के सृजन कार्य में लगे हुए हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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