साहित्य

जेसीबी प्राइज फॉर लिटरेचर ने 2023 के लिए अपनी लॉन्गलिस्ट का किया ऐलान, विनर को मिलेगा 25 लाख का पुरस्कार

जेसीबी प्राइज फॉर लिटरेचर ने 2023 के लिए अपनी लॉन्गलिस्ट का किया ऐलान, विनर को मिलेगा 25 लाख का पुरस्कार

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जेसीबी प्राइज फॉर लिटरेचर की लॉन्गलिस्ट में तीन नवोदित उपन्यासकार और बंगाली, हिंदी और तमिल के चार अनुवाद शामिल हुए हैं.

एक्टर पीयूष मिश्रा का पहला उपन्यास बना बेस्टसेलर, 'तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा' के एक हफ्ते में छपे तीन संस्करण

एक्टर पीयूष मिश्रा का पहला उपन्यास बना बेस्टसेलर, 'तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा' के एक हफ्ते में छपे तीन संस्करण

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चर्चित अभिनेता, गीतकार और नाटककार पीयूष मिश्रा का पहला उपन्यास 'तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा' प्रकाशित होते ही नंबर एक बेस्टसेलर बन गया है.

बेस्टसेलिंग लेखक अभिषेक भास्कर विचारे ने अपने नवीनतम उपन्यास 'नेवर आस्क फॉर ए किस' में सहमति के विषय को छुआ

बेस्टसेलिंग लेखक अभिषेक भास्कर विचारे ने अपने नवीनतम उपन्यास 'नेवर आस्क फॉर ए किस' में सहमति के विषय को छुआ

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पुस्तक को 18 नवंबर 2022 को लॉन्च किया गया था क्योंकि लेखक क्रॉसवर्ड बुकस्टोर्स, केम्प्स कॉर्नर में पाठकों के साथ एक अंतरंग बातचीत में लगे हुए थे.

खालिद जावेद की किताब 'द पैराडाइज ऑफ फूड' जेसीबी प्राइज फॉर लिटरेचर से सम्मानित

खालिद जावेद की किताब 'द पैराडाइज ऑफ फूड' जेसीबी प्राइज फॉर लिटरेचर से सम्मानित

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द पैराडाइज़ ऑफ फूड चौथा अनुवाद है जिसे इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है तथा पहली उर्दू किताब है जिसे पुरस्कृत किया गया है.

Book Review: नक्सल समस्या और संघर्ष की दास्तान है ‘दुड़िया’

Book Review: नक्सल समस्या और संघर्ष की दास्तान है ‘दुड़िया’

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Book Review: 'पानीपत', 'महानायक' और 'झाड़ाझड़ती' जैसे अहम उपन्यास लिखने वाले मराठी के लोकप्रिय लेखक विश्वास पाटील ने नए उपन्यास के साथ दस्तक दी है.

पुस्तक समीक्षा: आपकी जातिगत श्रेष्ठता के दंभ पर थूकती हैं ये कविताएं, इन्हें ख़ारिज कर दें

पुस्तक समीक्षा: आपकी जातिगत श्रेष्ठता के दंभ पर थूकती हैं ये कविताएं, इन्हें ख़ारिज कर दें

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कविता और भाषा के शास्त्रीय अनुशासन के आधार पर पंकज चौधरी की कविताओं को सीधे-सीधे ख़ारिज कर देने की इच्छा होती है. आख़िर ऐसी सपाट सच्चाइयां कौन लिखता है? कौन चाहता है कि इन्हें कविता माना जाए. अगर ये कविताएं हैं तो शब्दों का वह सुरुचिपूर्ण संसार क्या कहलाएगा जिसे हम कविता मानते हैं?

वेदों के उपदेश सार्वकालिक, इनके प्रचार में मैक्समूलर का महत्वपूर्ण अवदान : प्रो राधावल्लभ त्रिपाठी

वेदों के उपदेश सार्वकालिक, इनके प्रचार में मैक्समूलर का महत्वपूर्ण अवदान : प्रो राधावल्लभ त्रिपाठी

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मैक्समूलर के बारे में कहा जाता रहा है कि वह भारत से भगवत गीता को चुराकर ले गया था. यह कहना गलत है. जो कभी भारत आया ही नहीं, वह गीता को यहां से कैसे ले गया? मैक्समूलर का तो वेदों के प्रचार में महत्वपूर्ण अवदान है. पश्चिमी दुनिया में इसी विद्वान के कारण वेदों को लोग समझ पाए. इसी तरह दारा शिकोह ने वेदों का फारसी में अनुवाद किया जिससे बाद यह बाकी भाषाओं में दुनिया में पहुंचे. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के पूर्व कुलपति प्रो राधावल्लभ त्रिपाठी ने यह बात मध्यप्रदेश के सागर के डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में यह बात कही. वे विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग की ओऔर से आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. 

लमही पत्रिका समीक्षा: कहकहों के पीछे की उदासी

लमही पत्रिका समीक्षा: कहकहों के पीछे की उदासी

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शर्मिला जालान और संपादक ने उनके लिखे-पढ़े को इस तरह संयोजित किया है कि हम प्रबोध कुमार के व्यक्तित्व, स्वभाव और उनके जीवन-दृष्टि के सामाजिक पक्ष से परिचित होते हैं.

गांधारी : स्त्री अगर सक्रिय न हो तो होती है त्रासदी

गांधारी : स्त्री अगर सक्रिय न हो तो होती है त्रासदी

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महाभारत की कथाओं पर आधारित साहित्य इतना विशाल और विपुल है कि उसमें किया गया हर प्रयत्न पुराने प्रयत्नों की भी याद दिलाता है, इसके बावजूद पढ़ते हुए हर बार नया लगता है.

पुस्तक समीक्षा: रजा की आध्यात्मिक आभा है 'रजा जैसा मैंने देखा'

पुस्तक समीक्षा: रजा की आध्यात्मिक आभा है 'रजा जैसा मैंने देखा'

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कलावार्ता के रज़ा विशेषांक के संपादकीय में अखिलेश का देखना यह था कि रज़ा का आत्म एक बिंधा आत्म है. ताप और तप से.

पुस्तक समीक्षा: रजा की आध्यात्मिक आभा है 'रजा जैसा मैंने देखा'

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कलावार्ता के रज़ा विशेषांक के संपादकीय में अखिलेश का देखना यह था कि रज़ा का आत्म एक बिंधा आत्म है. ताप और तप से.

लमही पत्रिका: अमृत राय के समग्र मूल्यांकन का सार्थक दस्तावेज

लमही पत्रिका: अमृत राय के समग्र मूल्यांकन का सार्थक दस्तावेज

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लमही पत्रिका के फणीश्वर नाथ रेणु विशेषांक के बाद अमृत राय विशेषांक का कई दृष्टियों से अपना अलग और ऐतिहासिक महत्व है.

नटखट बंदर ने की हिरण की सवारी, लोगों ने कहा- दोनों की दोस्ती अमर रहे

नटखट बंदर ने की हिरण की सवारी, लोगों ने कहा- दोनों की दोस्ती अमर रहे

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देखा जाए तो सोशल मीडिया वायरल वीडियो का अड्डा है. इंसानों से ज़्यादा यहां जानवरों के वीडियोज़ ज़्यादा वायरल होते हैं. रोज़ कोई ऐसै वीडियो देखने को मिल जाता है, जिसे देखकर दिल ख़ुश हो जाता है.

Hindi Diwas 2021: पढकर नहीं बल्कि सुनकर लें हिंदी किताबों का आनंद, रामायण से लेकर गीता तक

Hindi Diwas 2021: पढकर नहीं बल्कि सुनकर लें हिंदी किताबों का आनंद, रामायण से लेकर गीता तक

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Hindi Diwas 2021: आपको अच्‍छे से हिंदी पढ़नी आती हो या नहीं, आप भी ऑडिबल पर हमारे समय के कुछ सबसे बेहतरीन हिंदी लेखकों की इन कालातीत हिंदी रचनाओं को सुनकर इस उत्सव में भाग ले सकते हैं.

'सर चढ़ के बोलता है उर्दू जबां का जादू' उसी जादू को आसान तरीके से सिखाती है 'रेख्ता उर्दू लर्निंग गाइड'

'सर चढ़ के बोलता है उर्दू जबां का जादू' उसी जादू को आसान तरीके से सिखाती है 'रेख्ता उर्दू लर्निंग गाइड'

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'रेख्ता उर्दू लर्निंग गाइड' को पांच मॉड्यूल में बांटा गया है, और इसमें 23 ईकाई हैं. इस तरह इस किताब को एक कोर्स की तरह तैयार किया गया है.

अमीर खुसरो को समझने के लिए शानदार पहल है यह किताब, 10 पहेलियां बूझो तो जानें

अमीर खुसरो को समझने के लिए शानदार पहल है यह किताब, 10 पहेलियां बूझो तो जानें

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अमीर खुसरो का जन्म 1253 ईसवी में एटा जिले के पटियाली में हुआ. आठ वर्ष की उम्र में उनके पिता का निधन हो गया था. पिता के निधन के बाद नाना ने उनका पालन-पोषण किया.

नए लेखकों को अपनी बात कहने का मंच देता है 'यॉर वॉइस' , बन रहा है नौजवानों की पसंद

नए लेखकों को अपनी बात कहने का मंच देता है 'यॉर वॉइस' , बन रहा है नौजवानों की पसंद

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कहानी, कविता, शेयर शायरी कहने और सुनने की प्रथा का तो इस देश में लंबा इतिहास रहा है. जहां चंदा मामा से लेकर दादी अम्मा तक कि कहानियां बच्चों को सोने से पहले सुनाई जाया करती थी मगर डिजिटल जमाने ने इस प्रवृत्ति को बादल कर रख दिया है. 

अब किसी नई 'पहल' का इंतज़ार है

अब किसी नई 'पहल' का इंतज़ार है

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'पहल' के पहले दौर से भी मैं जुड़ा रहा - एक पाठक की तरह और एक 'पहल' विक्रेता की तरह. यह 87 से 90 के बीच के कभी के दिन थे, जब रांची में रहते हुए और जन संस्कृति मंच के लिए उत्साह और सक्रियता से काम करते हुए हम बाहर की पत्रिकाएं बांटना-बेचना भी अपना कर्तव्य समझते थे.

शरण कुमार लिंबाले के मराठी उपन्यास 'सनातन' को साल 2020 का सरस्वती सम्मान

शरण कुमार लिंबाले के मराठी उपन्यास 'सनातन' को साल 2020 का सरस्वती सम्मान

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साल 2010-2019 की अवधि में प्रकाशित पुस्तकों पर विचार करने के बाद साल 2020 के सरस्वती सम्मान के लिए मराठी के प्रतिष्ठित साहित्यकार डॉक्टर शरण कुमार लिंबाले के उपन्यास 'सनातन' को चुना गया है. अब तक जिन साहित्यकारों को सरस्वती सम्मान मिला हैं उनमें हरिवंश राय बच्चन (1991), रमाकांत रथ (1992), प्रो. के. अय्यप्प पणिक्कर (2005), गोविंद मिश्र (2013), डॉक्टर एम.वीरप्पा मोइली (2014) समेत अन्य शामिल हैं. 

Book Excerpt: वाजपेयी-आडवाणी संबंध : उथल-पुथल भरी यात्रा, बेमिसाल सहयोग और कामयाबी

Book Excerpt: वाजपेयी-आडवाणी संबंध : उथल-पुथल भरी यात्रा, बेमिसाल सहयोग और कामयाबी

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दीनदयाल उपाध्याय की मृत्यु के बाद नेतृत्व को लेकर चल रही खींचतान में आडवाणी और वाजपेयी ने एक-दूसरे की पूरक भूमिकाएं स्वीकार कर लीं. जब देश में वैचारिक उदारवाद का मूड था – जैसे 1970 के दशक में या 1990 के उत्तरार्ध में – तो वाजपेयी ने नेतृत्व किया और आडवाणी ने उनका अनुसरण किया. जब चिंता का मूड होता था – जैसे 1980 के दशक में और 1990 के दशक के पूर्वार्ध में – तब आडवाणी ने पार्टी का मार्गनिर्देशन किया और वाजपेयी ने उनकी बात मानी.

 
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