
निलेश कुमार | जीवों के प्रजनन को लेकर आप कितना जानते हैं? क्या आपने किसी ऐसे जीव को देखा है, जो मां की पीठ से पैदा होते हैं? आज 'जंगल बुक' सीरीज में हम बता रहे हैं, एक दक्षिण अमेरिकी मेढ़क (Surinam Toad) के बारे में जो अपनी मां की पीठ के छेदों से बाहर आते हैं. उस मेंढक का नाम है- सूरीनाम टॉड (मेंढक). ये शायद सबसे अनोखा मेंढक है. हो सकता है कुछ लोगों की नजर से इस मेंढक की तस्वीरें (surinam toad reproduction video) गुजरी होंगी.
ये मेंढक गहरे और गंदे जंगलों में रहते हैं, जहां ये अपनी चपटी बनावट के कारण पानी में डूबी हुई सूखी पत्तियों के बीच आसानी से छिप जाते हैं. पूरी तरह से जलीय ये मेंढक अमेजन बेसिन के जंगलों में तालाबों में बहुतायत पाए जाते हैं.
इस तरह मां की पीठ से पैदा होता है ये दक्षिण अमेरिकी मेंढक- सूरीनाम टॉड pic.twitter.com/FrrYFBmcna
— NDTV India (@ndtvindia) August 16, 2025
कैसा दिखता है सूरीनाम टॉड?
सूरीनाम टॉड का शरीर एक नरम, चपटा, आयताकार मांस जैसा होता है. पीछे की टांगें मोटी और तैरने के लिए जालीदार होती हैं, जबकि आगे की टांगें पतली होती हैं और उनमें फैली हुई उंगलियां होती हैं. इसका सिर एक उथला त्रिकोण जैसा होता है, जिसमें पूरा मुंह होता है और एक छोटी, नुकीली-सी थूथन होती है. इसके सिर के ऊपर छोटी, अजीब आंखें होती हैं.

मादा को ऐसे रिझाते हैं ये मेंढक?
प्रजनन के दौरान चीजेंऔर भी अजीब हो जाती हैं. नर मेंढक मादा को आकर्षित करने के लिए एक अजीब सी यांत्रिक 'टिक-टिक' की आवाज निकालता है. जब उसे साथी मिल जाता है, तो वो उसके साथ नाचता है और शरीर को गले लगाकर लूप-द-लूप्स (पानी में गोल-गोल घूमता है) बनाता है. इस प्रक्रिया को एम्प्लेक्सस (amplexus) कहा जाता है.
कैसे जन्म लेता है सूरीनाम टॉड?
मादा मेंढक जब अंडे दे रही होती है, तो नर उन्हें निषेचित करता है. फिर, चिपचिपे अंडे मादा की पीठ पर जमा हो जाते हैं और नर उन्हें अपने पीछे के पैरों से धीरे-धीरे फैलाता है. 24 घंटों के भीतर, अंडे उसकी नरम त्वचा में धंस जाते हैं और पूरी तरह से ढक जाते हैं. उसकी त्वचा के अंदर सुरक्षित रहकर, अंडे फूटते हैं और टैडपोल (मेंढक के बच्चे) का रूप ले लेते हैं.
टैडपोल जब बाहर आने वाले होते हैं, तो मादा की पतली त्वचा अंदर ही छटपटाते हुए छोटे मेंढकों के कारण फूलने लगती है. फिर एक दिन वह अपने शरीर को हिलाती है और त्वचा फट जाती है. इस तरह पूरी तरह से विकसित छोटे सूरीनाम टॉड दुनिया में आते हैं.

घात लगाकर करते हैं शिकार
सूरीनाम टॉड पूरी तरह से जलीय जीव होते हैं और इन्हें जमीन पर चलने की जरूरत नहीं पड़ती. ये अपने शिकार को घात लगाकर पकड़ता है. शरीर पर बने अजीब पैटर्न के जरिये ये पानी में दबाव और कंपन को महसूस करते हैं और बिना देखे भी अपने शिकार का पता लगा लेता है.
शिकार को पहचानने के लिए इस मेंढक के आगे के पंजों पर एक और खास संवेदी अंग होता है. जब कोई कीड़ा या छोटी मछली इसके पास आती है, तो ये संवेदी अंग काम में आते हैं. जैसे ही शिकार पास आता है, यह मेंढक अपना जबड़ा खोलता है और अपने मुंह को फुला लेता है. ऐसा करने के लिए इसके आंतरिक अंग पीछे की ओर खिसक जाते हैं, जिससे इसका शरीर डेढ़ गुना बड़ा हो जाता है. ये सब 24 मिलीसेकंड से भी कम समय में होता है!
इस अचानक फैलाव से बहुत बड़ा दबाव बनता है, जो पानी और शिकार को सीधे अंदर खींच लेता है. इसके बाद, मेंढक अपने आगे के पैरों को मुंह तक लाता है और शिकार को अंदर धकेलता है. फिर पैरों का उपयोग छन्नी की तरह करता है, जिससे अतिरिक्त पानी बाहर निकल जाता है और शिकार अंदर रख लेता है.
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