- जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में सेना ने पाकिस्तान से आए आतंकियों को पकड़ने के लिए बड़ा ऑपरेशन शुरू किया है
- सर्दियों में आतंकी ऊपरी इलाकों से आकर घरों में छिपते हैं, इसलिए सेना ने हाउस-टू-हाउस तलाशी अभियान तेज किया
- सुरक्षा बल घरों के हर कोने, अलमारी, बक्से और चावल की बोरियों तक जांच कर छिपने के सभी ठिकानों को ढूंढ़ रहे हैं
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के ऊपरी इलाकों में सेना और सुरक्षा बलों ने एक बड़ा ऑपरेशन शुरू किया है. इस अभियान का लक्ष्य है पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर सैफुल्लाह, उसका डिप्टी आदिल को पकड़ने की मुहिम तेज कर दी गई है. सर्दियों के मौसम में आतंकी अक्सर ऊपरी इलाकों से नीचे आकर घरों में छिपते हैं. इसी वजह से सेना ने हाउस-टू-हाउस सर्च अभियान शुरू किया है.
घर में चप्पे-चप्पे की तलाशी
जवान हर कमरे, अलमारी, बक्से और यहां तक कि चावल की बोरियों तक की तलाशी ले रहे हैं. सुरक्षा बलों को पता है कि आतंकवादी पहले भी अलमारियों के पीछे कैविटी बनाकर छिपते रहे हैं. इसलिए जवान प्लाईवुड तक को हटाकर जांच कर रहे हैं. NDTV को मिले विजुअल्स में दिखता है कि जवान पहले घर को चारों तरफ से घेरते हैं, फिर दरवाजे को सावधानी से खोलते हैं. यह सब इसलिए ताकि किसी भी तरह का कोलैटरल डैमेज न हो और अगर आतंकी अंदर छिपा हो तो उसे चकमा न देने दिया जाए.
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स्थानीय लोगों का समर्थन
इस ऑपरेशन में स्थानीय मुस्लिम समुदाय भी सेना के साथ खड़ा है. NDTV से बात करते हुए कुछ लोगों ने कहा, "हम फौज के साथ हैं, जैश कमांडर सैफुल्लाह के साथ नहीं. फौज हमारे असली शुभचिंतक हैं." उन्होंने सफेदपोश आतंकियों को संदेश दिया, "शर्म करो, इंसानियत की सेवा करने के बजाय तुम देश के खिलाफ काम कर रहे थे. "
आतंकियों के दिन गिनती के
सुरक्षा बलों का दावा है कि इस ऑपरेशन के बाद आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकाने खत्म हो रहे हैं. पिछले सात दिनों से लगातार तलाशी अभियान जारी है. सेना का कहना है कि सैफुल्लाह और आदिल को जल्द ही मार गिराया जाएगा. इन दोनों पर पांच लाख रुपये का इनाम है.
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90 के दशक का माहौल नहीं लौटने देंगे
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, आतंकी फिर से 90 के दशक जैसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हिंदुओं को निशाना बनाना, युवाओं को बरगलाना और हिंसा फैलाना. लेकिन सेना ने ठान लिया है कि इस मिशन को नाकाम किया जाएगा.
(एनडीटीवी के लिए प्रदीप दत्ता की रिपोर्ट)
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