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क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम... NPS से कैसे अलग... क्या होगा फायदा? जानिए आपके हर सवाल के जवाब

UPS 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी. सरकार ने बताया कि NPS की शुरुआत के समय से इसके तहत रिटायर हुए सभी लोग और 31 मार्च, 2025 तक रिटायर होने वाले लोग भी UPS के सभी लाभों के लिए पात्र होंगे. उन्होंने जो भी पैसा निकाला है, उसे एडजस्ट करने के बाद बकाया मिल जाएगा.

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम (NPS) की जगह नई पेंशन स्कीम का ऐलान किया है. यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी UPS को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा. मोदी सरकार ने बताया कि इस स्कीम से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा. हालांकि, कर्मचारियों के पास UPS या NPS में से कोई भी पेंशन स्कीम चुनने का ऑप्शन रहेगा. वहीं, अगर राज्य सरकार भी इसे अपना सकती हैं. UPS से एम्प्लॉयी कॉन्ट्रिब्यूशन का बोझ भी नहीं बढ़ेगा.

आइए जानते हैं क्या है UPS? ये न्यू पेंशन स्कीम से कितना अलग है? इससे कर्मचारियों को क्या-क्या फायदे होंगे:-

यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी UPS क्या है?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना है. इसके तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सुनिश्चित पेंशन दी जाएगी. पेंशन की रकम रिटायरमेंट के पहले के 12 महीने के एवरेज बेसिक पे की 50% होगी.

कब से लागू होगी यूनिफाइड पेंशन स्कीम?
UPS 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी. सरकार ने बताया कि NPS की शुरुआत के समय से इसके तहत रिटायर हुए सभी लोग और 31 मार्च, 2025 तक रिटायर होने वाले लोग भी UPS के सभी लाभों के लिए पात्र होंगे. उन्होंने जो भी पैसा निकाला है, उसे एडजस्ट करने के बाद बकाया मिल जाएगा.

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न्यू पेंशन स्कीम में क्या दिक्कत है, जो इसे बदला जा रहा है?
नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी की बेसिक सैलरी प्लस DA का 10% हिस्सा कटता है. NPS शेयर मार्केट पर आधारित है. इसलिए ये सेफ स्कीम नहीं मानी जाती. NPS में 6 महीने बाद मिलने वाले DA का कोई प्रावधान नहीं है. NPS में रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती. चूकिं NPS शेयर मार्केट पर बेस्ड है. लिहाजा इसमें टैक्स का भी प्रावधान है. NPS के तहत रिटायरमेंट पर पेंशन पाने के लिए NPS फंड का 40% इंवेस्ट करना होता है.

न्यू पेंशन स्कीम से कैसे अलग है UPS?
UPS में सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट से पहले के 12 महीने की बेसिक सैलरी के औसत का 50% निश्चित पेंशन के तौर पर मिलेगा. UPS के तहत अगर किसी ने 25 साल काम किया है, तो उसे पेंशन मिलेगी. अगर किसी ने 25 साल से कम, लेकिन 10 साल से ज्यादा काम किया है तो भी उसे पेंशन मिलेगी. लेकिन रकम कम होगी. 

UPS से कर्मचारी को और क्या-क्या हैं फायदे?
UPS आपको एश्योर्ड फैमिली पेंशन की सुविधा देता है. यानी कर्मचारी की मौत के समय उसकी जो पेंशन बनेगी, उसका 60% डिपेंडेंट फैमिली को मिलेगा. यही नहीं, अगर किसी की सर्विस 10 साल से कम है, तो भी एश्योर्ड मिनिमम पेंशन 10 हजार महीना है. DA को एड कर दें, तो आज की डेट में ये 15 हजार महीना हो जाती है. पेंशन, एश्योर्ड पेंशन और एश्योर्ड फैमिली पेंशन में DA भी लगेगा. DA ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स पर बेस्ड होगा.

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UPS में कर्मचारियों पर कॉन्ट्रिब्यूशन का कितना बोझ बढ़ेगा?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, "कर्मचारियों पर अब कोई बोझ नहीं पड़ेगा. न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10% हिस्सा कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है. इसमें सरकार का कॉन्ट्रिब्यूशन 14% रहता है. लेकिन नई स्कीम (UPS) में सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 % कॉन्ट्रिब्यूट करेगी. सरकार का कॉन्ट्रिब्यूशन 14% से 18.5% बढ़ाए जाने पर पहले साल 6250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा.

क्या रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी के अलावा Lump Sum Payment का लाभ मिलेगा?
रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान का लाभ मिलेगा.6 महीने की सेवा के लिए (सैलरी+DA) का 10% रकम का एकमुश्त पेमेंट किया जाएगा.

पेंशन पर एरियर्स का कैल्कुलेशन कैसे किया जाएगा?
वित्त सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन ने कहा कि 2004 से अब तक 20 साल का वक्त गुजरा है. इस दौरान NPS के तहत रिटायर होने वाले कर्मचारियों की संख्या अपेक्षाकृत कम है. सरकार के पास इसका पूरा रिकॉर्ड है. इसके हिसाब से एरियर्स का कैल्कुलेशन किया जाएगा.

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एरियर्स पर कितना ब्याज मिलेगा? 
पेंशन की बकाया राशि यानी एरियर्स पर सरकार ब्याज का भी भुगतान करेगी. अगर कर्मचारी UPS चुनते हैं, तो उन्हें कैल्कुलेशन के मुताबिक ब्याज जोड़कर जितना एरियर्स बनेगा, उतना दिया जाएगा. वहीं, अगर पहले रिटायर हो चुके कर्मचारी UPS चुनते हैं और नए सिरे से कैल्कुलेशन के बाद एरियर्स बनता है तो PPF रेट के हिसाब से ब्याज मिलेगा. 

क्या बार-बार पेंशन स्कीम चेंज कर सकेंगे?
आप ऐसा नहीं कर पाएंगे. रिटायर हो चुके कर्मी एक बार ही पेंशन स्कीम चुन पाएंगे. या तो उन्हें NPS में रहना होगा या UPS अपनाना होगा. बाद में अपना ऑप्शन नहीं बदला जा सकता.

VRS के मामलों में क्या होगा?
अगर किसी ने वॉलन्टरी रिटायरमेंट यानी VRS लिया है और UPS अपनाया है, तो 25 साल की सेवा का प्रावधान लागू होगा. लेकिन पेंशन VRS की तारीख से नहीं, बल्कि सुपर एन्यूशन से शुरू होगी.

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UPS से कौन जुड़ सकते हैं?
केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को नई पेंशन योजना (NPS) में बने रहने या यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में शिफ्ट होने का ऑप्शन दिया है. सरकार ने कहा है कि UPS उन सभी लोगों पर लागू होगा, जो 2004 के बाद से NPS के तहत पहले ही रिटायर हो चुके हैं. जो पैसा उन्हें पहले मिल चुका है या वे फंड से निकाल चुके हैं, उससे एडजस्ट करने के बाद पेमेंट किया जाएगा.

क्या राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी मिलेगा फायदा?
सरकार ने कहा कि अगर राज्य सरकारें UPS अपनाना चाहती हैं, तो वो ऐसा कर सकती हैं. केंद्र की स्कीम से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा. अगर राज्य सरकारों के कर्मचारी भी इसे अपनाते हैं, तो कुल 90 लाख कर्मियों को इसका फायदा मिलेगा.

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