किसी भी परिवार के लिए फाइनेंशियल स्टेबिलिटी होना बेहद जरूरी है ताकि रिटायरमेंट के बाद भविष्य में पैसों का अभाव न झेलना पड़े. इसलिए अक्सर लोग पहले से ही अपने लिए पेंशन की व्यवस्था करने की कोशिश करते हैं. क्या आपको फैमिली पेंशन के बारे में पता है जो कर्मचारी के साथ-साथ उसके परिवार को भी आर्थिक सुरक्षा देती है. आज हम आपको फैमिली पेंशन के बारे में बताएंगे कि ये क्या है और परिवार के किन सदस्यों को इसका फायदा मिलता है .
फैमिली पेंशन (Family Pension)
कुछ लोगों को लगता है कि सरकारी नौकरी करने वालों को ही पेंशन मिलती है, लेकिन ये सच नहीं है. आपको बता दें कि किसी भी संगठित क्षेत्र यानी ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को 60 साल बाद पेंशन दिए जाने का प्रावधान होता है. अगर आप किसी प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते हैं तो आपकी सैलरी से DA का 12% हर महीने काटकर आपके पेंशन फंड में जमा होता है और इतना ही कंट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा भी किया जाता है. रिटायरमेंट के बाद एक तय राशि के तौर पर दी जाने वाली पेंशन कर्मचारी ही नहीं उसके परिवार को भी वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है. अगर कर्मचारी की किसी वजह से मौत हो जाती है, तो फिर परिवार के सदस्यों को पेंशन दी जाती है और इसे ही फैमिली पेंशन कहा जाता है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees' Provident Fund Organisation - EPFO) के नियमों के मुताबिक अगर कोई कर्मचारी यानी एम्प्लॉई किसी कंपनी में 10 साल तक नौकरी करता है, तो वह पेंशन पाने का हकदार होता है. अगर इस दौरान किसी कारणवश उसकी मृत्यु हो जाती है, तो फिर उसके परिवार को फैमिली पेंशन दी जाती है.
परिवार के किन सदस्यों को मिलता है फैमिली पेंशन का फायदा ?
फैमिली पेंशन देने के लिए EPFO ने एक नियम बनाया है. इस नियम के मुताबिक, किसी कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसका पति या पत्नी फैमिली पेंशन पाने का हकदार है. नियमों के मुताबिक, अगर कर्मचारी के बच्चों की उम्र 25 साल से कम है, तो दो बच्चों को भी पेंशन का फायदा दिया जाता है. ऐसे मामले में दोनों बच्चों को पेंशन का 25-25 फीसदी हिस्सा दिया जाता है. वहीं पति या पत्नी को 50 फीसदी हिस्सा दिया जाता है. बच्चों को ये पेंशन 25 साल की उम्र होने तक दी जाती है.
पेंशनर की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी/ पति को जीवन भर पेंशन दी जाती है. लेकिन अगर वो पुनर्विवाह करती है तो उसकी पेंशन खत्म कर दी जाती है और बच्चों की पेंशन ज्यादा कर दी जाती है.
लेकिन अगर किसी कर्मचारी के बच्चे शारीरिक तौर पर अक्षम हैं, तो उन्हें जिंदगी भर 75 फीसदी पेंशन दी जाती है. नियमों के मुताबिक अगर कोई कर्मचारी शादी नहीं करता और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो फिर ऐसे मामले में उसके माता-पिता को उम्र भर उसकी पूरी पेंशन दी जाती है.
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