दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने एक महिला समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है जो आध्यत्मिक गुरु (Spiritual Guru) बनकर ठगी का एक गैंग चला रहे थे. आरोपियों के पास से 15 लाख के गहने बरामद हुए हैं. यह ठग आध्यात्म का ढोंग करके महिलाओं से उनके गहने आदि ठग लेते थे. दिल्ली रोहिणी (Rohini) के डीसीपी प्रणव तायल के मुताबिक रोहिणी की रहने वाली शाहसी बत्रा ने बताया कि 25 जनवरी को दोपहर 12:15 बजे एक अज्ञात शख्स उनके पास आया और किसी पते का रास्ता पूछा. इस बीच, एक महिला भी वहां आई और उससे कहा कि क्या आप इस व्यक्ति (पता मांगने वाले) को नहीं जानते हैं? वह राधा स्वामी का एक महान शिष्य है और आपको हर तरह की परेशानियों से छुटकारा दिला सकता है.
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उनके मुताबिक थोड़ी ही देर में दोनों उसे एक पार्क में ले गए और सोने की चूड़ियां, अंगूठी और कान की बाली उतारने को कहा. उनके इरादों से अनजान पीड़ित महिला ने उन्हें सब सौंप दिया. आरोपियों ने गहनों को रुमाल में रखकर चतुराई से दूसरे रुमाल से बदल दिया जिसमें नकली सामान था. इसके अलावा, शिकायतकर्ता को सोते समय इसे तकिए के नीचे रखने और सुबह ही खोलने के लिए कहा गया.
हालांकि, जब वह उठी, तो उसने अपने गहनों के बजाय लोहे की चूड़ियां पाईं. पुलिस ने केस दर्ज कर आसपास की सीसीटीवी फुटेज की जांच की. फुटेज में यह पता चला कि आरोपी लाल रंग की स्पार्क कार में आये थे. जांच के बाद कार की रजिस्ट्रेशन प्लेट के आखिरी 4 नम्बर मिल गए जिसके बाद आरटीओ कार्यालय सभी रेड कलर की स्पार्क कारों के डिटेल्स लिए गए. छानबीन करने पर पता चला कि कार बुराड़ी के रहने वाले कुलवंत सिंह के नाम रजिस्टर्ड है. पता चला कि कुलवंत सिंह ने अपनी कार एक जोगिंदर सिंह को बेची थी, जिसने इसे लव कुमार को बेच दिया था. 28 जनवरी को पता चला कि कार लव कुमार के घर के बाहर खड़ी है इसलिए सुबह-सुबह कार के पास जाल बिछाया गया.
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सुबह करीब साढ़े दस बजे तीनों आरोपी आए और उस कार में बैठ गए. टीम के लोगों ने उन्हें पकड़ लिया. आरोपियों ने बताया कि वो ऐसी ही वारदात करने गुरुग्राम की तरफ जा रहे थे. जांच के दौरान अरोपियों ने पर फरीदाबाद हनुमानगढ़, मोहाली और चंडीगढ़ में कई लोगों से ठगी की बात मानी आरोपी रजनी अरोड़ा उर्फ रानी बाला लुधियाना की रहने वाली है. ऐसे कई धोखाधड़ी के मामलों में शामिल रही है. उसे पति के साथ ठगी के मामले में गिरफ्तार किया गया था और लगभग 6 साल (2015 से जून 2021 तक) न्यायिक हिरासत में रही. उसके पति की मृत्यु कुरुक्षेत्र जेल में हुई थी. जेल से आने के बाद उसने फिर से लव कुमार से संपर्क किया और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, पंजाब में ठगी करनी शुरू कर दी, आरोपी लव कुमार ऐसे कई धोखाधड़ी के मामलों में शामिल रहा है.
वह 2015 में आरोपी रजनी अरोड़ा और उसके पति का ड्राइवर था. आरोपी आशु अरोड़ा आरोपी रजनी अरोड़ा की बेटी का बेटा है लेकिन उनके माता-पिता का बचपन में ही देहांत हो गया था. इसलिए उनका जन्म और पालन-पोषण आरोपी रजनी अरोड़ा ने किया. जेल से आने के बाद रजनी ने आशू को भी ठगी के धंधे में शामिल किया क्योंकि उसने कोरोना के कारण नौकरी छोड़ दी थी.
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