टाटा संस (Tata Sons) के स्वामित्व वाली एयर इंडिया (Air India) के साथ विस्तारा एयरलाइंस का मार्च 2024 तक विलय कर दिया जाएगा. सिंगापुर एयरलाइंस द्वारा एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है. टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस (Singapore Airlines) के बीच विलय को लेकर बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया है. विस्तारा एयरलाइंस में टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस दोनों की हिस्सेदारी है, जिसमें सिंगापुर एयरलाइंस का हिस्सा ज्यादा है. इस नई व्यवस्था का अर्थ होगा कि अब एयर इंडिया ब्रांड के तहत ज्यादा विमान और ज्यादा मार्ग होंगे.
इस बड़ी कंपनी में सिंगापुर एयरलाइंस की 25 फीसदी हिस्सेदारी होगी, जिसमें वह 2000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी. वर्तमान में विस्तारा में 51 फीसदी की हिस्सेदार है, बाकी 49 प्रतिशत टाटा के पास है. टाटा ने इस साल की शुरुआत में सरकारी विनिवेश के हिस्से के रूप में एयर इंडिया को 18,000 करोड़ रुपये में खरीदा था.
इसके साथ ही सिंगापुर एयरलाइंस ने बयान में कहा, "कंपनियों का लक्ष्य मार्च 2024 तक विलय को पूरा करना है, जो विनियामक स्वीकृति के अधीन है."
टाटा के पास कम लागत वाले एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयर एशिया इंडिया भी हैं, दोनों को 2024 तक एयर इंडिया ब्रांड के तहत विलय कर दिया जाएगा.
इसका अर्थ है कि सभी चारों ब्रांड एयर इंडिया में विलय होंगे, इस कंपनी को टाटा द्वारा स्थापित किया गया था. हालांकि बाद में इसका राष्ट्रीयकरण किया गया. हालांकि घाटे में आने के बाद सरकार ने इसे टाटा को ही बेच दिया था.
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