- महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है.
- राधाकृष्णन की उम्मीदवारी विपक्ष की भी परीक्षा है. पिछले उदाहरण देखें तो विपक्ष के खेमे में फूट पड़ती रही है.
- सीपी राधाकृष्णन के चुनाव अभियान की कमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संभालेंगे और किरेन रिजिजू चुनाव एजेंट होंगे.
महाराष्ट्र के राज्यपाल और तमिलनाडु के वरिष्ठ नेता सीपी राधाकृष्णन को एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. नई दिल्ली में पार्लियामेंट्री बोर्ड की मीटिंग के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राधाकृष्णन की उम्मीदवारी की घोषणा की. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के उम्मीदवारों के नामों पर विपक्ष में पहले भी सेंध लगती रही है. ऐसे में राधाकृष्णन की उम्मीदवारी विपक्षी एकता की भी परीक्षा मानी जा रही है. पिछले कुछ चुनावों के उदाहरण देखें तो विभिन्न कारणों से विपक्ष के खेमे में फूट पड़ती रही है और इस बार डीएमके के सामने सबसे बड़ी दुविधा होगी.
राधाकृष्णन की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को एनडीए का बेहद सोचा समझा कदम माना जा रहा है. साथ ही इसे दक्षिण भारत में भाजपा की राजनीतिक पकड़ मजबूत करने की रणनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है.
विपक्ष में कैसे पड़ी फूट, इन उदाहरणों से समझिए
- यूपीए ने राष्ट्रपति चुनाव में प्रतिभा पाटिल को उम्मीदवार बनाया था और इस पर महाराष्ट्र की होने के नाते शिवसेना ने एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था.
- इसी तरह जब यूपीए ने प्रणब मुखर्जी को जब राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था, तब भी एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद शिवसेना और जेडीयू ने उनका समर्थन किया था.
- रामनाथ कोविंद को जब एनडीए ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था तब जेडीयू ने विपक्ष में रहने के बावजूद समर्थन किया था क्योंकि वे बिहार के गवर्नर थे.
- इसी तरह जब एनडीए ने जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया तब तृणमल कांग्रेस ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया था और धनखड़ सर्वाधिक मतों से जीतने वाले उपराष्ट्रपतियों में से एक बने थे.
NDA को इस बार मिल सकता है इन पार्टियों का साथ
इस बार एनडीए के 422 वोट हैं जबकि पिछली बार धनखड़ को 528 वोट मिले थे.
इस बार भी बीजेडी, वायएसआरसीपी और बीआरएस जैसी पार्टियां एनडीए का साथ दे सकती हैं, जिनके 22 सांसद हैं.
विरोध या समर्थन, जानिए क्या है डीएमके की दुविधा?
डीएमके के 32 सांसद हैं और तमिलनाडु की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उसके सामने यह दुविधा रहेगी कि वह अपने राज्य के उम्मीदवार का समर्थन करे या नहीं. तमिलनाडु में अगले साल ही चुनाव है.
सी पी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति बनते हैं तो वे तमिलनाडु से उपराष्ट्रपति बनने वाले तीसरे नेता होंगे और ऐसे में डीएमके के लिए यह मुश्किल भरा फैसला होगा.
हालांकि इंडिया गठबंधन ने भी अपना उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया है. लिहाजा बीजेपी विरोधी पार्टियों का रुख इस बात पर भी निर्भर करेगा कि वह उम्मीदवार कौन होगा.
सीपी राधाकृष्णन के चुनाव की कमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संभालेंगे. वहीं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू सी पी राधाकृष्णन के इलेक्शन एजेंट होंगे.
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