सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में धुम्रपान के लिए उम्र बढ़ाने और पूजा स्थलों, शैक्षणिक संस्थानों और अस्पतालों के आसपास खुली सिगरेट की बिक्री पर रोक लगाने की मांग से संबंधित एक याचिका दायर की गई थी. आज सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका (Petition) पर सुनवाई से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यह याचिका सिर्फ पब्लिसिटी के लिए दाखिल की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि एक अच्छा केस लाइए और अच्छी बहस कीजिए...इस तरह की पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटीगेशन (Publicity Interest Litigation) दाखिल मत करें. गौरतलब है कि जनता की समस्याओं से जुड़े मुद्दों को उठाने की न्यायालय में इजाजत है जिसे जनहित याचिका (Public Interest Litigation) कहते हैं.
बहरहाल, याचिका में धूम्रपान (Smoking) की न्यूनतम उम्र सीमा 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष किये जाने की मांग की गई थी. याचिका दो वकीलों शुभम अवस्थी और सप्तऋषि मिश्रा ने दायर की थी. याचिका में कहा गया कि व्यावसायिक स्थानों और एयरपोर्ट (Airport) पर धूम्रपान के लिए नियत स्थान को खत्म किया जाना चाहिए. साथ ही सिगरेट और धूम्रपान की लत पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार को योजना बनाने का निर्देश देने की मांग की गई थी.
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