विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Feb 21, 2023

CAA विरोधी प्रदर्शन मामले में SC ने असम के MLA अखिल गोगोई की अर्जी पर NIA को जारी किया नोटिस

अखिल गोगोई ने गुवाहाटी HC के उस फैसले को चुनौती दी है जिसने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत अपराधों से जुड़े एक मामले में उनकी आरोपमुक्ति को रद्द कर दिया गया था.

Read Time: 4 mins
CAA विरोधी प्रदर्शन मामले में SC ने असम के MLA अखिल गोगोई की अर्जी पर NIA को जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 24 फरवरी को होगी
नई दिल्‍ली:

नागरिकता संशोधन कानून  (CAA) विरोधी प्रदर्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने असम के एक्टिविस्ट और सिबसागर के विधायक अखिल गोगोई की याचिका पर NIA को नोटिस जारी कर जवाब मांगा. शुक्रवार तक हिरासत में ना लेने के आदेश भी दिए. मामले में सुनवाई शुक्रवार, 24 फरवरी को होगी. अखिल गोगोई ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत अपराधों से जुड़े एक मामले में उनकी आरोपमुक्ति को रद्द कर दिया गया था. जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और जस्टिस पंकज  मित्तल की पीठ ने कहा कि वह शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगी और आदेश दिया कि तब तक गोगोई को हिरासत में ना लिया जाए. दरअसल गोगोई और तीन अन्य पर दिसंबर 2019 के विरोध प्रदर्शनों और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ भाषणों और माओवादी संगठनों से कथित संबंधों के संबंध में अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया था. 

उन पर भारतीय दंड संहिता के तहत गैरकानूनी रोकथाम गतिविधि अधिनियम (यूएपीए) और राजद्रोह (धारा 124ए), धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने (धारा 153ए) और 153बी (राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बयान) के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए थे लेकिन गुवाहाटी की विशेष एनआईए अदालत ने जुलाई 2021 में गोगोई को उनके खिलाफ सभी आरोपों से मुक्त कर दिया था. यह  कहा गया कि गोगोई द्वारा दिए गए भाषणों में हिंसा के लिए कोई उकसावा नहीं था. विशेष अदालत ने यहां तक कहा था कि गोगोई द्वारा दिए गए भाषणों में हिंसा भड़काना तो दूर, लोगों को हिंसा का सहारा न लेने की सलाह दी गई थी. अदालत ने कहा था कि गोगोई ने भारत की एकता और अखंडता या राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली कोई बात नहीं की थी. इसके अलावा, व्यक्तिगत रूप से या परोक्ष रूप से किसी भी चीज़ ने गोगोई को विरोध प्रदर्शनों के दौरान देखी गई बर्बरता की गतिविधियों से नहीं जोड़ा था. हालांकि, 9 फरवरी को हाईकोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया. 

हाईकोर्ट ने कहा कि विशेष एनआईए अदालत ने आरोप तय करने के स्तर पर 'सबूतों की छानबीन के स्तर से परे' की अनुमति दी थी, और इसका आरोपमुक्त करने का आदेश तुलना में बरी होने जैसा था. हाईकोर्ट ने कहा कि विशेष अदालत का दृष्टिकोण कानून में गलत था. इसके अलावा, यदि विशेष अदालत को पता चलता है कि यूएपीए या  राजद्रोह के तहत कड़े आरोप नहीं बनते हैं तो वह मामले को एक सक्षम अदालत में स्थानांतरित कर सकती है. इसलिए, आरोप तय करने पर नए सिरे से विचार करने के लिए मामले को वापस विशेष अदालत में भेज दिया था. शीर्ष अदालत के समक्ष इस फैसले को चुनौती देते हुए गोगोई ने कहा है कि हाईकोर्टयह जांच करने में विफल रहा कि क्या इस मामले में प्रथम दृष्टया मामला बनता है या नहीं.

ये भी पढ़ें- 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को मिलेंगे कई अधिकार, जानिए क्‍यों बेहद अहम है ये पद
CAA विरोधी प्रदर्शन मामले में SC ने असम के MLA अखिल गोगोई की अर्जी पर NIA को जारी किया नोटिस
अयोध्या के राम मंदिर में अब कोई दर्शनार्थी नहीं होगा वीआईपी, सब भक्त होंगे एक समान 
Next Article
अयोध्या के राम मंदिर में अब कोई दर्शनार्थी नहीं होगा वीआईपी, सब भक्त होंगे एक समान 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;