विज्ञापन
This Article is From Sep 26, 2022

राजीव गांधी हत्याकांड के दो दोषियों की समय पूर्व रिहाई की याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया

आजीवन कारावास की सजा काट रही दोषी नलिनी और रविचंद्रन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया

राजीव गांधी हत्याकांड के दो दोषियों की समय पूर्व रिहाई की याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया
आजीवन कारावास की सजा भोग रही राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी (फाइल फोटो).
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों दोषियों को अंतरिम जमानत देने से इनकार किया
दोनों की पेरारीवलन की तरह समानता के आधार पर रिहा करने की मांग
राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी पेरारीवलन को 18 मई को रिहा किया गया था
नई दिल्ली:

राजीव गांधी हत्याकांड मामले (Rajiv Gandhi assassination case) में आजीवन कारावास की सजा काट रही दोषी नलिनी और रविचंद्रन की समय से पहले रिहाई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है. हालांकि फिलहाल अदालत ने अंतरिम जमानत देने से इनकार किया. इस मामले की 14 अक्टूबर को सुनवाई होगी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से संजय हेगड़े ने अंतरिम जमानत की मांग की थी लेकिन जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा कि इस मौके पर एक पक्षीय अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती है. 

दोनों दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पेरारीवलन की तरह समानता के आधार पर रिहा करने की मांग की है. मामले का फैसला होने तक अंतरिम जमानत भी मांगी है. रविचंद्रन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर मांग की कि उसे उसी तरह रिहा किया जाए जिस तरह पेरारीवलन को रिहा किया गया था. रविचंद्रन ने यह भी अनुरोध किया है कि जेल से रिहा होने का मामला पूरा होने तक उसे जमानत दी जाए.  

सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों में से एक पेरारीवलन को रिहा कर दिया था. नलिनी ने भी दोषी एजी पेरारीवलन के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया है.

इससे पहले नलिनी और रविचंद्रन ने राहत की मांग करते हुए मद्रास हाईकोर्ट  का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था. मद्रास हाईकोर्ट ने याचिका को ठुकराते हुए कहा था कि हाईकोर्ट के पास संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्तियां नहीं हैं और वह रिहाई का आदेश नहीं दे सकता है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने पेरारीवलन के लिए किया था.

राजीव गांधी का हत्यारा ए.जी. पेरारीवलन 31 साल बाद जेल से रिहा हुआ

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: