"क्या हम कंधों पर चिप लगा दें": सांसदों और विधायकों को डिजिटल मॉनिटर करने वाली याचिका SC ने की खारिज

याचिकाकर्ता ने कहा कि सभी सांसदों के यहां CCTV लगाए जाएं और 24 घंटे निगरानी हो. ये फुटेज सभी नागरिकों के मोबाइल पर उपलब्ध हो.

15 मिनट सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया .

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ की बेंच के सामने ऐसी याचिका आई जिसमें सांसदों और विधायकों को डिजिटल मॉनिटर करने की मांग की गई. सुनवाई की शुरूआत में ही CJI ने याचिकाकर्ता डॉ सुरिंदर कुंद्रा को चेताया कि इस याचिका पर अगर वो सुनवाई चाहते हैं तो जनता के समय के नुकसान के लिए पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाएंगे. लेकिन याचिकाकर्ता ने कहा कि वो अदालत को संतुष्ट करेंगे और 15 मिनट चाहिए.  इस पर उन्होंने दलील देनी शुरू की और संविधान का हवाला दिया. उन्होंने कहा की जनता ही सब कुछ है और जीतने के बाद सासंद ऐसे बर्ताव करते हैं जैसे कि वो रूलर हों. लेकिन CJI ने टोका और कहा कि ये बात सबके लिए नहीं की जा सकती.

डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि किसी भी सांसद और विधायक को कैसे डिजिटल मॉनिटर कर सकते है. क्या हम सांसदों और विधायकों के कंधों पर चिप लगा दे. सांसदों और विधायकों को भी निजिता का अधिकार हैं, हम उसमें दखल कैसे दे सकते है
ऐसी याचिका भविष्य में दाखिल न हो. लोगों को कानून बनाने का अधिकार नहींं दे सकते क्योंकि अगर कानून बनाने का अधिकार देते है तो सबकी अपनी अपनी जगह तय होगी.  आप यह मांग कर रहे है की सांसदों को डिजिटल मॉनिटर करें लेकिन दूसरी तरफ करोड़ों लोग कहेंगे की उन्हें ये मंजूर नहीं. ऐसे में जनप्रतिनिधि को ही संविधान में कानून बनाने का अधिकार दिया गया है 

याचिकाकर्ता ने कहा कि सभी सांसदों के यहां CCTV लगाए जाएं और 24 घंटे निगरानी हो. ये फुटेज सभी नागरिकों के मोबाइल पर उपलब्ध हो. हालांकि 15 मिनट सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि वो इस पर सुनवाई के इच्छुक नहीं. साथ ही CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले में वो इस बार जुर्माना लगाने से खुद को रोक रहे हैं.

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