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'बेटे का नाम गलत लिखा?' वकील ने किया दावा, संजय कपूर की वसीयत मामले में आया नया मोड़

जेठमलानी ने कहा कि इस वसीयत में कुछ बहुत ही गोपनीय है. उन्होंने कहा, इस वसीयत में संजय कपूर का कोई संबंध नहीं है और हमें कोई दस्तावेज भी नहीं दिए गए हैं. उन्होंने वसीयत में बेटे का नाम गलत लिखे जाने और बेटी का पता गलत लिखे जाने की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, "ये गलतियां संजय कपूर के स्वभाव से बिल्कुल अलग हैं."

'बेटे का नाम गलत लिखा?' वकील ने किया दावा, संजय कपूर की वसीयत मामले में आया नया मोड़
  • बॉलीवुड बिजनेसमैन संजय कपूर की लगभग तीस हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में विवाद जारी है
  • करिश्मा कपूर के बच्चों ने दावा किया कि संजय कपूर की वसीयत में जालसाजी कर उनकी विरासत से वंचित किया गया है
  • संजय कपूर की दूसरी पत्नी प्रिया सचदेव ने प्रस्तुत वसीयत में संपत्ति का पूरा नियंत्रण अपने नाम किया है
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नई दिल्ली:

बिजनेसमैन संजय कपूर की लगभग 30 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर बॉलीवुड जैसा ड्रामा सोमवार को भी दिल्ली हाई कोर्ट में जारी रहा. बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट में एक्ट्रेस करिश्मा कपूर के बच्चों की याचिका पर सुनवाई फिर से शुरू की गई. 20 साल की समायरा और 15 साल के कियान की ओर से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने दावा किया कि उनकी पहली शादी से हुए बच्चों को विरासत के वंचित करने के लिए संजय कपूर की वसीयत में जालसाजी की गई है.

जेठमलानी ने कहा कि इस वसीयत में कुछ बहुत ही गोपनीय है. उन्होंने कहा, इस वसीयत में संजय कपूर का कोई संबंध नहीं है और हमें कोई दस्तावेज भी नहीं दिए गए हैं. उन्होंने वसीयत में बेटे का नाम गलत लिखे जाने और बेटी का पता गलत लिखे जाने की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, "ये गलतियां संजय कपूर के स्वभाव से बिल्कुल अलग हैं."

उन्होंने कहा, "संजय कपूर का स्वास्थ्य अच्छा था और उनकी भारतीय संपत्ति एक मजबूत ट्रस्ट द्वारा सुरक्षित थी. परिस्थिति पर आधारित सबूत इतने विरोधाभासी हैं कि इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि वसीयत की विषय-वस्तु गलत है. मैं यह बात उनके विरासत से वंचित बच्चों के साथ फोन पर हुई उनकी बातचीत के आधार पर कह रहा हूं."

उनके अपने बच्चों के साथ बहुत अच्छ संबंध थे तो फिर उन्होंने अपनी बेटी का पता गलत कैसे लिखा औ बेटे का नाम कई जगहों पर कैसे गलत लिखा? बता दें कि समायरा और कियान करिश्मा कपूर के साथ हुई संजय कपूर की शादी से उनके बच्चे हैं. 

मौजूदा मामला संजय कपूर की वसीयत, यानी उनकी दूसरी पत्नी प्रिया सचदेव कपूर द्वारा प्रस्तुत वसीयत के निष्पादन में यथास्थिति बनाए रखने की याचिका से जुड़ा हुआ है. समायरा और कियान ने दावा किया है कि प्रिया ने जून में ब्रिटेन में संजय कपूर के निधन के बाद उनकी वसीयत में जालसाजी की और उनकी संपत्ति का पूरा नियंत्रण हड़प लिया. यह वसीयत संजय की आखिरी और वैध वसीयत बताई जा रही है, जिसमें उनकी निजी संपत्ति प्रिया के नाम है. 

कथित रूप से जाली वसीयत - जिसे जेठमलानी ने "एक अशुभ अप्रमाणित दस्तावेज़" कहा है - 21 मार्च की तारीख का था. आज अदालत में उन्होंने दलील दी, "हमें नहीं पता कि वसीयत का क्या हुआ. इसे 17 मार्च को संशोधित किया गया था. यह स्पष्ट नहीं है कि इसे किसने संशोधित किया... लेकिन इसे 24 मार्च को फिर से संशोधित किया गया."

वकील ने कहा, "आप जांच कर सकते हैं... ये सभी एक ही दस्तावेज़ हैं." इसपर जेठमलानी ने कहा, "इसमें 24 मार्च को संशोधन किया गया था. उन्होंने इसकी व्याख्या नहीं की. 21 मार्च को वसीयत का प्रश्न ही समाप्त हो गया था तो तीन दिन की देरी क्यों? अब दो वसीयतें हैं." 

वरिष्ठ अधिवक्ता ने यह भी दावा किया कि संजय और प्रिया कपूर तथा दिनेश अग्रवाल, जो प्रिया के कथित सह-पड्यंत्रकारियों में से एक है के साथ एक सीक्रेट व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था. उन्होंने कहा कि वसीयत एक .pdf फाइल के रूप में भेजी गई थी और उसका नाम दो बार बदला गया था. उन्होंने दूसरी पत्नी को साजिशकर्ता साबित करते हुए कहा, "दो वसीयतें एक साथ तैयार की गईं... पति और पत्नी की. ये आपसी वसीयतें नहीं थीं, इसलिए इन्हें स्पष्ट करना जरूरी है."

"उन्होंने साइन की गई वसीयतों के बारे में मैसेज किया था लेकिन उस मैसेज की पुष्टि संजय ने नहीं बल्कि प्रिया ने की थी. अगर हम दिनेश अग्रवाल का फोन देखें तो पता चलता है कि उसमें कोई ग्रुप नाम या फोन नंबर नहीं हैं और फिर अलग से यह जांचा जा सकता है कि एसके वसीयत सिर्फ देखी गई थी, पढ़ी नहीं गई थी."

जेठमलानी व्हाट्सएप के एक फीचर का जिक्र कर रहे थे जो यूजर्स को यह तय करने की सुविधा देता है कि उन्हें भेजे गए मैसेज भेजने वाले के डिवाइस पर 'पढ़ा हुआ' चिह्नित हैं या नहीं. यूजर्स इस फीचर को बंद कर सकते हैं. पिछले हफ़्ते भी अदालत में प्रिया सचदेव कपूर की तुलना सिंड्रेला की सौतेली मां से किए जाने पर नाटकीय बहस हुई थी. जेठमलानी ने उन पर 'लालची' होने का आरोप लगाया था.

इस बीच, समायरा और कियान अकेले नहीं हैं जो दावा कर रहे हैं कि प्रिया ने संजय की संपत्ति पर 'कब्ज़ा' कर लिया है; संजय की मां रानी कपूर ने भी वसीयत को चुनौती दी है. उन्होंने कहा, "मेरे लिए कुछ भी नहीं छोड़ा गया है."

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