अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में गुरुवार को अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरकर 21 पैसे की मजबूती के साथ 82.79 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. विदेशों में डॉलर के कमजोर होने के बीच रुपये में मजबूती आई. बाजार सूत्रों ने कहा कि रुपये के 83.29 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निम्न स्तर तक लुढ़कने के बाद संभवत: रिजर्व बैंक ने हस्तक्षेप किया, जिसके कारण स्थानीय मुद्रा में सुधार आया.
उन्होंने कहा कि हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने रुपये की तेजी पर अंकुश लगाया. अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.05 पर कमजोर खुला और बाद में 83.29 के निचले स्तर तक चला गया. कारोबार के दौरान यह 82.72 के उच्च स्तर पर भी गया. अंत में रुपया बुधवार के बंद भाव के मुकाबले 21 पैसे की मजबूती के साथ 82.79 प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
इससे पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 83 रुपये प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निम्न स्तर से भी नीचे चला गया था. बीएसई सेंसेक्स 95.71 अंक चढ़कर 59,202.90 पर बंद हुआ. दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.17 प्रतिशत गिरकर 112.79 पर आ गया. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.17 प्रतिशत बढ़कर 93.49 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे. उन्होंने बुधवार को 453.91 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा कि चीनी युआन में सुधार तथा संभवत: केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप के कारण रुपये में शुरुआती गिरावट का रुख पलट गया. उन्होंने कहा कि आज के कारोबार में यह एशिया में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में से एक रहा है.
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