राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections) को लेकर 24 घंटे से भी कम समय बचे हैं. लेकिन कर्नाटक की एक सीट पर पेंच अब भी फंसा है. क्योंकि वहां की दो प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) और जनता दल (सेक्युलर) में से कोई भी बीजेपी कैंडिडेट को हारने के लिए किसी भी समझौते पर तैयार नहीं है. जद (एस) प्रमुख एचडी कुमारस्वामी (JD(S) President HD Kumaraswamy) ने तो कांग्रेस पर 'गंदी राजनीति' करने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि खरीद फरोख्त से बचाने के लिए उन्हें अपने विधायकों को एक होटल में ले जाना पड़ा.
कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव की चार सीटों के लिए छह उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है, जिससे चौथी सीट के लिए एक कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है.
पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया पर सीधे निशाना साधते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि कांग्रेस नेता को भाजपा उम्मीदवार को हराने में कोई दिलचस्पी नहीं है, वो केवल जद (एस) के खिलाफ हैं. कुमारस्वामी ने एनडीटीवी से कहा, "उन्हें हमें हारते हुए देखने का पूर्वाग्रह है." उन्होंने इससे पहले आज कांग्रेस से "धर्मनिरपेक्ष ताकतों" को मजबूत करने के लिए उनकी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन करने का आग्रह किया था.
राज्यसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में भी विधायकों की भागा-दौड़ी, JD(S) ने अपने विधायकों को भेजा होटल
कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए 45 वोटों की जरूरत है. भाजपा आराम से दो सीटें जीत सकती है और कांग्रेस अपनी मौजूदा ताकत के आधार पर एक सीट जीत सकती है. हालांकि, चौथी सीट के लिए भाजपा के पास 32 और कांग्रेस के पास 24 वोट हैं. वहीं जद (एस) के पास भी 32 विधायक हैं. चौथी सीट जीतने के लिए पर्याप्त संख्या में वोट नहीं होने के बावजूद तीनों पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
कुमारस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी ने कांग्रेस से उनके उम्मीदवार के लिए दूसरे तरजीही वोट के लिए अनुरोध किया था. उन्होंने दावा किया कि पुरानी पार्टी के विधायकों के इन वोटों में से 22 वोट भी उनके उम्मीदवार को एलिमिनेशन राउंड के लिए अग्रणी स्थिति में लाएंगे.
जद (एस) प्रमुख ने आरोप लगाया, "मैंने कांग्रेस से अनुरोध किया था कि यदि आप भाजपा को हराना चाहते हैं, तो हमें समर्थन दें और हमारे उम्मीदवार का समर्थन करें. लेकिन सिद्धारमैया चाहते थे कि हम अपना उम्मीदवार वापस ले लें."
कांग्रेस के प्रदेश नेताओं की आलोचना करते हुए कुमारस्वामी को राष्ट्रीय नेतृत्व से बेहतर उम्मीदें हैं. उन्होंने कहा "भाजपा को हराने के लिए, कांग्रेस को जद (एस) का समर्थन करना चाहिए, जिसके पास उससे अधिक वोट हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस चुनाव परिणाम के आधार पर इतिहास और लोग भविष्य में फैसला करेंगे. मेरा दृढ़ विश्वास है कि माननीय रणदीप सिंह सुरजेवाला (एआईसीसी महासचिव कर्नाटक के प्रभारी) इस बिंदु को समझेंगे."
दोनों पार्टियों ने बीजेपी को हराने की कसम खाई है, लेकिन कोई भी रेस से हटने को तैयार नहीं है. कुमारस्वामी ने सवाल किया कि जब कांग्रेस से अधिक विधायक इस सीट के लिए बचे हैं, तो उनकी पार्टी को पीछे क्यों हटना चाहिए और इस तरह जीतने की अधिक संभावना है.
हालांकि, कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब जद (एस) के लिए समय है कि हमें सपोर्ट करे. क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा पिछली बार जून 2020 में कांग्रेस के समर्थन से राज्यसभा के लिए चुने गए थे.
वहीं कुमारस्वामी ने इस दावे का विरोध करते हुए कहा कि तब कांग्रेस नहीं, बल्कि भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा थे जिन्होंने अपनी पार्टी से किसी को भी नामित नहीं करके मदद की थी. उन्होंने कहा, 'अगर बीजेपी चुनाव लड़ती तो कांग्रेस भी जरूर चुनाव लड़ती. मैं उनका स्वभाव जानता हूं.' जद (एस) प्रमुख ने स्पष्ट किया कि वह भाजपा या कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगे क्योंकि दोनों दलों से लोग तंग आ चुके हैं.
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि कांग्रेस जद (एस) के विधायकों को क्रॉस वोट कराने की कोशिश कर सकती है. उन्होंने कहा, "कांग्रेस की गंदी राजनीति के कारण हमने अपने विधायकों को एक होटल में स्थानांतरित कर दिया है." उन्होंने कहा कि जनता ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों को बाहर करने का फैसला कर लिया है.
बता दें कि राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग 10 जून को होगी. वोटों की गिनती उसी दिन शाम 5 बजे होगी.
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