प्रदूषण की मार : दिल्ली में कल से प्राइमरी स्कूल बंद, ऑड-ईवन पर विचार

सीएम केजरीवाल ने कहा कि उत्तर भारत को प्रदूषण से बचाने के लिए केंद्र को विशेष कदम उठाने की जरूरत, दोषारोपण और राजनीति का समय नहीं.

नई दिल्ली:

देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए प्राइमरी स्तर तक के सभी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए यह ऐलान किया. सीएम केजरीवाल ने साथ ही यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ऑड-ईवन स्कीम पर भी विचार कर रही है. 

इसके साथ ही पांचवीं से ऊपर की क्लास के बच्चों के लिए सभी आउटडोर एक्टिविटी बंद कर दी गई हैं. 

साथ ही केजरीवाल ने कहा कि उत्तर भारत को प्रदूषण से बचाने के लिए केंद्र को विशेष कदम उठाने की जरूरत, दोषारोपण और राजनीति का समय नहीं. 

"पंजाब में पराली जलने के लिए हम जिम्मेदार, बाकी राज्यों के लिए केंद्र आगे आए..." : प्रदूषण पर दिल्ली CM केजरीवाल

उन्होंने कहा कि पंजाब में हमारी सरकार है, वहां जल रही पराली के लिए हम जिम्मेदार हैं. 

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में हवा काफ़ी ख़राब हो गई है, लोगो को सांस लेने में दिक़्क़त हो रही है. इसके कई पहलू हैं और यह पूरे उत्तर भारत की समस्या है. दिल्ली, चरखी दादरी, जींद, मानेसर, फरीदाबाद सब जगह गंभीर स्थिति है. इसके लिए जिम्मेदार आम आदमी पार्टी नहीं है. एक राज्य की हवा एक राज्य में नहीं रहती, इसके लिए केंद्र सरकार को कदम उठाने पड़ेंगे. पंजाब और दिल्ली में हमारी सरकार है. यह वक्त उंगुली उठाने का नहीं है. इससे समाधान नहीं निकलेगा. 

सीएम केजरीवाल ने पंजाब में पराली जलने पर कहा कि वहां इसके लिए किसान जिम्मेदार नहीं हैं. वहां हमारी सरकार है और उसके लिए हम जिम्मेदार हैं. हमारी सरकार को छह महीने ही हुए हैं. यह बहुत कम होता है. हमने बहुत काम किया है. कुछ कदमों में सफलता मिली, काफी सफलता नहीं मिली. अगले साल तक पराली जलना काफी कम होगा. लेकिन हम ब्लेम गेम नहीं करना चाहते, हम ज़िम्मेदार हैं.

गैस चैम्बर बनी दिल्ली, AQI 800 पार; कई पाबंदियां लागू - 5 खास बातें

वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, किसान खुद भी पराली नहीं जलाना चाहते. लेकिन एक फसल से दूसरी फसल के बीच दस बारह दिन का फर्क होता है, ऐसे में उनके पास उसे जलाने के लिए अलावा कोई और ऑप्शन नहीं होता.

प्रदूषण के चलते गौतम बुद्ध नगर के स्‍कूलों में 1 से 8 तक की कक्षाएं मंगलवार तक होंगी ऑनलाइन

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब में रिकॉर्ड धान पैदा हुआ है, ऐसे में पराली भी उतनी ही आएगी. हम अगले साल नवंबर तक इसका समाधान कर सकते हैं. जिम्मेदारी लेते हुए हमनें बहुत कोशिशें की है, लेकिन कोई एक ही ज़िम्मेदार नहीं है. यह पूरे उत्तरी भारत की समस्या है. केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर बैठना चाहिए.