कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार में कमी आने के बाद लंबे अरसे से बंद पड़े स्कूलों को कई राज्यों में फिर से खोला गया है. हालांकि, दिल्ली समेत कई राज्यों में प्राथमिक कक्षाएं अभी भी ऑनलाइन ही संचालित हो रही हैं. इस बीच एक स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि ग्रामीण इलाकों में मात्र 8 फीसदी बच्चे ही ऑनलाइन क्लास कर पा रहे हैं, जबकि 37 फीसदी छात्र किसी तरह की कोई क्लास नहीं कर पा रहे हैं.
ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित ऐसे बच्चे गरीब परिवारों से आते हैं. कक्षा एक से आठवीं तक के इस सर्वे में 60 फीसदी ग्रामीण इलाकों के और 60 फीसदी दलित और आदिवासी बच्चों को शामिल किया गया है. इनमें से आधे सैंपल दिल्ली, झारखंड, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से लिए गए हैं.
सर्वे में खुलासा हुआ है कि ग्रामीण इलाकों में नियमित तौर पर ऑनलाइन क्लास करने वाले बच्चों की संख्या सिर्फ 8 फीसदी है, जबकि शहरी इलाकों में मात्र 24 फीसदी बच्चे ही नियमित तौर पर ऑलनाइल क्लास कर पा रहे हैं.
सर्वे करने वालीं दिल्ली आईआईटी की रितिका खेड़ा ने बताया कि सर्वे में कुल 1362 बच्चों को शामिल किया गया था जो देशभर के 15 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हैं. सर्वे में पाया गया कि आधे बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं और जिनके पास स्मार्टफोन हैं, उनमें से मात्र 15 प्रतिशत बच्चों ने ही कहा कि वे नियमित तौर पर ऑनलाइन पढ़ाई कर पा रहे हैं.
खेड़ा ने बताया कि कई बच्चों ने कहा कि स्मार्टफोन होने के बावजूद पैसे की कमी की वजह से डेटा नहीं है. इसलिए ऑनलाइन क्लास नहीं कर पा रहे हैं. शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अबतक 20 राज्यों ने आंशिक तौर पर कई चरणों में स्कूल खोले हैं.
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