
छगन भुजबल ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि ओबीसी (OBC) समुदाय के साथ लगातार अन्याय हो रहा है, लेकिन हमारे विधायक दुर्भाग्य से इस पर खामोश हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव जीतने के लिए मराठा वोटों की जरूरत होती है, इसलिए मन में कुछ भी होने के बावजूद हमारे ओबीसी विधायक इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहते.
भुजबल ने आगे कहा कि मैं इसलिए बोलता हूं क्योंकि मैं राजनीति में रहूं या न रहूं, मैं हार स्वीकार करने को तैयार नहीं हूं." उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुंबई में हुई आगजनी की घटना के बाद, सरकार ने दबाव में आकर यह जीआर (सरकारी प्रस्ताव) जारी किया है.
भुजबल ने कहा, ‘‘डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान में लिखा है कि ओबीसी समाज का एक बड़ा हिस्सा हैं और उन्हें आरक्षण देना जरूरी है. चूंकि आरक्षण की लड़ाई चल रही थी, इसलिए कई आयोग गठित किए गए. लेकिन मंडल आयोग (रिपोर्ट) को (पूर्व प्रधानमंत्री) वी.पी. सिंह ने स्वीकार किया और आरक्षण का रास्ता साफ हुआ.''
उन्होंने कहा, ‘‘मराठा समुदाय पिछड़ा नहीं है और अदालत ने भी यह कहा है. उच्चतम न्यायालय ने हमारा (ओबीसी) साथ दिया और हमें 27 प्रतिशत आरक्षण दिया. मराठा आरक्षण का मुद्दा कुछ साल पहले ही उठा था. आयोग ने उन्हें (मराठा समुदाय को) बताया कि वे पिछड़े नहीं हैं.''
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