
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और वरिष्ठ ओबीसी नेता छगन भुजबल आज बीड में “OBC महाएल्गार सभा” की अगुवाई की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य मराठा आरक्षण से संबंधित 2 सितंबर के सरकारी निर्णय (जीआर) को रद्द करने की मांग करना था, क्योंकि यह ओबीसी आरक्षण को प्रभावित कर रहा है.
यह रैली इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि इसमें धनंजय मुंडे भी ओबीसी अधिकारों के लिए आक्रामक रुख अपनाते हुए शामिल हुए हैं. उनकी बहन और मंत्री पंकजा मुंडे भी सभा में आने वाली थीं लेकिन खबर है कि बैनर पर उनकी तस्वीर ना होने से वो सभा में शामिल नहीं हुईं.
पंकजा मुंडे और धनंजय मुंडे महाराष्ट्र की राजनीति में बीड जिले से ताल्लुक रखने वाले एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार, दिवंगत गोपीनाथ मुंडे के राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं. दोनों रिश्ते में चचेरे भाई-बहन हैं, और अब से पहले पारंपरिक रूप से राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे हैं! अब, पंकजा (BJP) और धनंजय (NCP) दोनों ही सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन का हिस्सा हैं.
ओबीसी आरक्षण को बचाने के लिए हुई ये सभा, वर्तमान देवेंद्र फडणवीस-एकनाथ शिंदे-अजित पवार सरकार पर जीआर (GR) को रद्द करने के लिए बड़ा दबाव बनाने की कोशिश में की गई थी. यह सभा मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटील के प्रभाव वाले क्षेत्र में की गई थी, जिसके चलते आज मराठा करकर्ताओं ने भुजबल के मंत्री पद से इस्तीफा दिए बिना बीड में प्रवेश करने का कड़ा विरोध किया!
राज्य में मराठा और ओबीसी समुदायों के बीच तनाव अपने चरम पर है.
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