नोएडा : ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में ध्वस्तीकरण पर इलाहाबाद HC ने 20 अक्टूबर तक लगाई रोक

शुक्रवार को नोएडा अथॉरिटी ने ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में कई फ्लैट्स के आगे से अवैध निर्माण और अतिक्रमण को हटाया था.

नोएडा : ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में ध्वस्तीकरण पर इलाहाबाद HC ने 20 अक्टूबर तक लगाई रोक

नोएडा:

नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ अथॉरिटी की ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. यह रोक अगले महीने की 20 तारीख तक के लिए लगाई गई है. इससे पहले शुक्रवार को नोएडा अथॉरिटी ने ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में कई फ्लैट्स के आगे से अवैध निर्माण और अतिक्रमण को हटाया था. अथॉरिटी की इस कार्रवाई का सोसाइटी में रहने वाले लोगों ने विरोध भी किया.

हालांकि, इस कार्रवाई से पहले अथॉरिटी ने सोसाइटी के लोगों को 48 घंटे का समय दिया था ताकि इस बीच वो अपने घरों के आगे से अतिक्रमण और अवैध निर्माण को खुद हटा सकें. लेकिन सोसाइटी ने अथॉरिटी के अल्टीमेटम के बाद भी अवैध निर्माण और अतिक्रमण को नहीं हटाया तो अथॉरिटी के अधिकारी बुलडोजर के साथ इसे हटाने पहुंचे. हालांकि, अथॉरिटी के अधिकारियों को इस कार्रवाई से पहले सोसाइटी के लोगों का अच्छा खासा विरोध भी झेलना पड़ा.

सोसाइटी के लोग अथॉरिटी के खिलाफ धरने पर बैठ गए हैं, उनका कहना है कि अगर सोसाइटी के अतिक्रमण को हटाना है तो ऑथिरिटी को अपने बुलडोजर को उनके ऊपर से लेकर जाना होगा. NDTV ने इस पूरे मुद्दे पर सोसाइटी के लोगों से बात की.

NDTV से बातचीत के दौरान सोसाइटी में रहने वाले एक महिला ने कहा कि हमे सिर्फ ये मांग कर रहे हैं कि हमे 10 दिन का समय दिया जाएगा अतिक्रमण हटाने के लिए. हम इस पूरे मुद्दे को कानूनी तरीके से सुलझाना चाहते हैं. यहां रहने वाले लोगों को पता ही नहीं है कि बुलडोजर कब चलेंगे. ऑथिरिटी कब आई, कब वीडियो बनाकर चले गए इसका तो पता ही नहीं है. किसी भी कार्रवाई से पहले ऑथिरिटी को नोटिस भी तो देना चाहिए था. इस सोसाइटी में ऐसा कुछ भी गैर-कानूनी नहीं है. सोसाइटी के लोगों ने एक अस्थाई तौर पर एक शीट डाली हुई है. ये शीट दस साल से डली हुई है.

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ऑथिरिटी इसके लिए ग्राउंड फ्लोर मालिकों से पैसे तक ले चुकी है. मैं इस सोसाइटी में दस साल से रह रही हूं. सोसाइटी में रहने वाली एक अन्य महिला ने NDTV से कहा कि अथॉरिटी की तरफ से हमे कोई नोटिस तक नहीं मिला, ना ही हमे कुछ बताया गया. साथ ही अथॉरिटी के किसी अधिकारी ने सोसाइटी के लोगों से बात तक नहीं की है.