महाराष्‍ट्र : बीड में बाल विवाह के खिलाफ एक्‍शन में प्रशासन, इस साल 160 मामलों को रोका

बीड में बाल विवाह को रोकने के लिए अब प्रशासन की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं. बीड के सभी स्कूलों में बच्चे हर सोमवार को बाल विवाह के खिलाफ प्रतिज्ञा लेते हैं.

महाराष्‍ट्र : बीड में बाल विवाह के खिलाफ एक्‍शन में प्रशासन, इस साल 160 मामलों को रोका

बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन अलग-अलग योजनाओं की शुरुआत कर रहा है. (प्रतीकात्‍मक)

मुंबई:

महाराष्‍ट्र के बीड में प्रशासन ने इस साल जिले में हो रहे बाल विवाह के करीब 160 मामलों को रोका है और करीब 21 एफआईआर दर्ज की गई है. पिछले हफ्ते एनडीटीवी ने बीड में बाल विवाह को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदम पर ग्राउंड रिपोर्ट की थी, जिसके बाद महाराष्ट्र की महिला बाल विकास मंत्री ने बीड प्रशासन के अधिकारियों के साथ एक बैठक की और बाल विवाह को रोकने के लिए कई योजनाएं बनाई.

बीड में बाल विवाह को रोकने के लिए अब प्रशासन की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं. बीड के सभी स्कूलों में बच्चे हर सोमवार को बाल विवाह के खिलाफ प्रतिज्ञा लेते हैं. इस साल अब तक 160 बाल विवाहों को बीड जिले में रोका गया है और 21 एफआईआर भी दर्ज की गई है. एनडीटीवी पर चली खबर के बाद बाल विवाह को और भी तेजी से रोकने के लिए महाराष्ट्र की महिला बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने बीड की कलेक्टर दीपा मुढोल के साथ मुंबई में बैठक की.

बीड कलेक्‍टर दीपा मुढोल मुंढे ने कहा कि बीड जिले की बात करें तो गन्‍ना मजदूरों में जो माइग्रेशन है, उसके कारण बाल विवाह होते हैं. कई जगहों पर स्‍कूल नहीं होने के कारण उन्‍हें दूर जाना पड़ता है. अगर लड़कियों के लिए बस का इंतजाम किया जाए तो फिर बाल विवाह में और कमी आएगी. 

बाल विवाह को रोकने के लिए प्रशासन अब इस बैठक के जरिए अलग अलग योजनाओं की शुरुआत कर रहा है. 

गन्ना मजदूर के बच्चों में बाल विवाह के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिलते हैं. कई इलाके में कक्षा 7 और कक्षा 10 के बाद की शिक्षा के लिए पर्याप्त कॉलेज नहीं होने के कारण भी लोग बाल विवाह करवाते हैं. इसे रोकने के लिए अब कई जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. इसके लिए स्कूलों में छात्रों को 1098 पर फोन कर बाल विवाह से जुड़ी जानकारी देने कहा गया है और उनकी पहचान को गुप्त रखा जाता है. 

बढ़ रहा है जानकारी मिलने का आंकड़ा
बाल विवाह को रोकने में जागरूकता अभियानों से प्रशासन को भी मदद मिली है. अप्रैल 2016 से मार्च 2017 तक बाल विवाह के 19 मामलों की जानकारी प्रशासन को मिली. इसके बाद अप्रैल 2017 से मार्च 2018 के बीच 27, अप्रैल 2018 से मार्च 2019 के बीच 17, अप्रैल 2019 से मार्च 2020 के बीच 39, अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच 41, अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच 83, अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के बीच 132 और अप्रैल 2023 से 26 अगस्त 2023 के बीच बाल विवाह के 149 मामलों की जानकारी प्रशासन को मिली है. 

बाल विवाह रोकने में मिली मदद : तटकरे 
महाराष्‍ट्र की महिला बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने कहा कि बाल विवाह की जानकारी मिलने का आंकड़ा पिछले एक दो सालों में बढ़ा है. स्कूलों में जागरूकता अभियान के कारण संख्‍या बढ़ी है. यह अच्छी बात है. उन्‍होंने कहा कि जानकारी मिलने से बाल विवाह को रोकने में मदद मिलेगी. 

लोगों को किया जा रहा प्रोत्‍साहित 
इसके साथ ही प्रशासन की ओर से आगामी दिनों में अलग-अलग ग्राम पंचायतों में बाल विवाह रोकने के लिए लोगों को प्रोत्‍साहित करने के लिए कई सारे इनाम, अलग-अलग ग्राम पंचायतों के बीच प्रतियोगिताएं रखने और कक्षा 10 के ऊपर के स्कूल और कॉलेज को शुरू करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. 

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