'जंगलराज की दिलाता है याद...' , खस्ताहाल NH के कारण घिरे CM नीतीश, प्रशांत किशोर ने साधा निशाना

प्रशांत किशोर ने कहा, " अभी हाल में ही नीतीश कुमार एक कार्यक्रम में पथ निर्माण विभाग के लोगों को बोल रहे थे कि बिहार में सड़कों की अच्छी स्थिति के बारे में उन्हें सबको बताना चाहिए."

'जंगलराज की दिलाता है याद...' , खस्ताहाल NH के कारण घिरे CM नीतीश, प्रशांत किशोर ने साधा निशाना

खस्ताहाल एनएच की ड्रोन से ली गई तस्वीर (साभार - दैनिक भास्कर)

पटना:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर एक बार राज्य की खस्ताहाल सड़कों के कारण टारगेट पर हैं. हर सभा में राज्य में सड़को का जाल बिछाने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री की इन दिनों मधुबनी जिला स्थित नेशनल हाईवे की स्थिति के कारण किरकिरी हो रही है. भारतमाला प्रोजेक्ट अंतर्गत आने वाली एनएच 227 (L) में कलुआही से हरलाखी के बीच लगभग डेढ़ सौ से अधिक छोटे-बड़े गड्ढे बने हुए हैं, जिसमें सबसे बड़ा गड्ढा 110 फिट लंबी व 50 फिट चौड़ा है. यह गड्ढा प्रत्येक 10 से 20 फीट पर बना हुआ है. वहीं, गड्ढों की गहराई 3 फिट के करीब हैं. हल्की सी बारिश में उक्त एनएच छोटे बड़े तालाब के स्वरूप में आ जाता है. 

दैनिक भास्कर अखबार के पत्रकार प्रवीण ठाकुर द्वारा ली गई वीडियो विगत दिनों हुई आंशिक बारिश के बाद की है. तस्वीर में साफ-साफ देखा जा सकता है कि एक किलोमीटर के अंदर सड़क पर 23 से अधिक गड्ढे हैं. इसी तरह कलुआही से हरलाखी तक करीब 20 किलोमीटर की सड़क में सैंकड़ों खतरनाक गड्ढे बने हुए हैं. सड़क निर्माण कार्य विभाग द्वार समय से नहीं होने के कारण यह रास्ता जर्जर व जानलेवा बना हुआ है. 

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इधर, दैनिक भास्कर की रिपोर्ट और वीडियो को साझा करते हुए राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सूबे के मुखिया नीतीश कुमार पर तंज कसा है. उन्होंने गुरुवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, " 90 के दशक के जंगलराज में बिहार में सड़कों की स्थिति की याद दिलाता यह बिहार के मधुबनी जिले का नेशनल हाईवे 227 (L) है. अभी हाल में ही नीतीश कुमार एक कार्यक्रम में पथ निर्माण विभाग के लोगों को बोल रहे थे कि बिहार में सड़कों की अच्छी स्थिति के बारे में उन्हें सबको बताना चाहिए. "

सड़क के किनरे स्थित दुकान के मालिकों का कहना है कि गर्मी में धूल तो बारिश में पानी के कारण भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार सड़क हादसे होते हैं. बार-बार सड़क की मरम्मत कराने को लेकर आवेदन दिया जाता है लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती. इधर, सड़के बनाने वाले ठेकेदार का कहना है कि पेमेंट क्लिटर नहीं हुआ, इस कारण काम बंद है. हालांकि, अधिशाशी अभियंता (एक्जिक्यूटिव इंजिनियर) का कहना है कि ठेकेदार मनमर्जी कर रहे हैं. 

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