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शिवसेना के बागी गुट के 37 विधायकों ने एकनाथ शिंदे को नेता मानते हुए डिप्टी स्पीकर को लिखा पत्र, 10 खास बातें

Maharashtra crisis: महाराष्‍ट्र के सियासी संकट में बागी रुख अख्तियार किए एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले गुट की ताकत लगातार बढ़ रही है. करीब 40 विधायक इसके समर्थन में आ गए हैं;. इस बीच, दो और शिवसेना विधायक, शिंदे और उनके सहयोगी 41 विधायकों के साथ जुड़ने के लिए असम के गुवाहाटी रवाना हुए हैं.

Maharashtra Crisis : शिवसेना के बागी विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे (फाइल फोटो)

मुंबई:

Maharashtra crisis:महाराष्‍ट्र के सियासी संकट में बागी रुख अख्तियार किए एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले गुट की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है. करीब 40 विधायक इसके समर्थन में आ गए हैं;. मौजूदा हालात में सीएम उद्धव ठाकरे की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है. इस बीच, दो और शिवसेना विधायक, शिंदे और उनके सहयोगी 41 विधायकों के साथ जुड़ने के लिए असम के गुवाहाटी पहुंच गए हैं. वहीं शिवसेना के ठाकरे गुट ने 12 बागी विधायकों को अय़ोग्य ठहराने की याचिका दाखिल की है, इसमें एकनाथ शिंदे का भी नाम है.

  1. शिवसेना की ओर से 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की अर्जी डिप्टी स्पीकर को देने के जवाब में एकनाथ शिंदे गुट ने बड़ा कदम उठाया है. बागी गुट ने 37 शिवसेना विधायकों के समर्थन पत्र के साथ डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिखकर एकनाथ शिंदे को नेता घोषित किया है. इससे महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई औऱ तेज होती नजर आ रही है. 
  2. शिवसेना के एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले गुट के विधायकों की संख्‍या 37 के पार पहुंच गई है जो दलबदल विरोधी कानून की जद में आए बिना पार्टी को विभाजित करने के लिए 37 का 'संख्‍याबल' जरूरी है. इस बीच, दो और विधायक शिंदे गुट से जुड़ने के लिए गुवाहाटी पहुंच गए हैं. निर्दलीय विधायकों को जोड़ दें तो इस बागी गुट के पास करीब 42 विधायकों का समर्थन है.
  3. महाराष्ट्र में शिवसेना के दोनों गुटों के बीच जोर आजमाश के बीच बगावत करने वाले विधायकों को अयोग्य ठहराने की कवायद ठाकरे कैंप ने की है. शिवसेना के ठाकरे कैंप की ओर से 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका डिप्टी स्पीकर को दी गई है. हालांकि शिंदे ने इसे खारिज करते हुए कहा कि वो किसे डराने की कोशिश कर रहे हैं, कानून हम भी जानते हैं..  
  4. महाराष्‍ट्र में सियासी संकट को लेकर राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की ओर से बुलाई गई बैठक में सीएम उद्धव ठाकरे के प्रति पूरा समर्थन जताया गया. एनसीपी नेता और डिप्‍टी सीएम अजित पवार ने कहा, " महाराष्ट्र मे जो कुछ राजनीतिक हालात बने हैं, उसमें हम उद्धव ठाकरे के साथ पूरी तरह से खड़े हैं.
  5. शिंदे गुट ने मांग की है कि शिवसेना को कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन खत्‍म करना चाहिए तथा फिर से पुराने सहयोगी बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनानी चाहिए.इस मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना के प्रवक्‍ता संजय राउत ने कहा, 'हम महाराष्‍ट्र में  MVA (महाविकास आघाडी) सरकार से बाहर आने को तैयार हैं लेकिन पार्टी के बागी विधायकों को 24 घंटों में गुवाहाटी से मुंबई आना होगा.'
  6. संजय राउत के बयान के बाद कांग्रेस विधायकों और अन्य नेताओं की भी गुरुवार को अहम बैठक हुई. बैठक के बाद कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे के प्रति समर्थन जताया औऱ कहा कि वो जरूरत पड़ी तो शिवसेना की सरकार को बाहर से समर्थन देने को भी तैयार है.
  7. 40  से अधिक विधायकों के साथ गुवाहाटी के होटल में डेरा डाले शिंदे ने मांग की है कि शिवसेना को कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन खत्‍म कर लेना चाहिए. उन्‍होंने कहा कि शिवसेना के नेताओं ने ढाई वर्ष के गठबंधन के शासन के दौरान काफी कुछ सहा है.  
  8. लगभग 41 विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए एकनाथ शिंदे ने एक विधायक के पत्र को ट्वीट कर शिवसेना नेतृत्व पर पार्टी नेताओं के लिए "गैरमौजूद" होने का आरोप लगाया, पत्र में कहा गया है, "मुख्यमंत्री के दरवाजे हमारे लिए 2.5 साल से बंद थे जबकि एकनाथ शिंदे हमेशा हमारे लिए थे." इधर, सियासी संकट के बीच उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई बैठक में केवल 13 विधायक ही शामिल हुए, जिससे तस्वीर साफ हो गई है.
  9. आज सुबह, शिवसेना के तीन विधायक - दीपक केसकर (सावंतवाड़ी से विधायक), मंगेश कुडलकर (चेंबूर) और सदा सर्वंकर (दादर) ने असम के लिए उड़ान भरी, जहां बागी विधायक डेरा डाले हुए हैं. केसकर ने एनडीटीवी को बताया, "कल (एकनाथ) शिंदे के पास शिवसेना के 37 विधायक थे. आज मैं शिवसेना के तीन अन्य और एक निर्दलीय विधायक के साथ यहां पहुंचा. अगले कुछ घंटों में दो से तीन के पहुंचने की उम्मीद है."
  10. क्या महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर जाएगी? सवाल इसलिए उठ रहा क्योंकि 'टीम शिंदे' में शिवसेना के 39 विधायक हो गए हैं. दलबदल विरोधी कानूनों के तहत अयोग्यता का सामना किए बिना पार्टी तोड़ने के लिए शिंदे को 37 शिवसेना विधायकों की जरूरत थी. बुधवार की रात तीन निर्दलीय और एक शिवसेना विधायक नितिन देशमुख महाराष्ट्र वापस आ गए थे. ऐसे में उनसे पास 31 विधायक ही बचे थे.

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