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जम्मू-कश्मीर के चुनावी रण में अब तक 122 निर्दलीय उम्मीदवार, UP-दिल्ली की पार्टियां भी आज़मा रही किस्मत

Jammu Kashmir Assembly Elections 2024: इस चुनाव में छोटे-छोटे क्षेत्रीय दल भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें यूपी के फर्रुखाबाद में रजिस्टर्ड अनारक्षित समाज पार्टी भी शामिल है. इस पार्टी का कहना है कि यह जाति व्यवस्था के खिलाफ लड़ रही है.

जम्मू-कश्मीर के चुनावी रण में अब तक 122  निर्दलीय उम्मीदवार, UP-दिल्ली की पार्टियां भी आज़मा रही किस्मत
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन किया है.
श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों (Jammu Kashmir Assembly Elections 2024) पर 10 साल बाद चुनाव होने जा रहा है. आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है. वोटिंग तीन फेज में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होगी. नतीजे 8 अक्टूबर को हरियाणा चुनाव के साथ घोषित किए जाएंगे. जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में कई निर्दलीय और छोटी-छोटी क्षेत्रीय पार्टियां भी चुनाव मैदान में उतरी हुई हैं. कई ऐसी बाहरी पार्टियां भी चुनावी मैदान में उतरी हैं, जिनका जम्मू-कश्मीर में कोई कैडर या वोट बेस नहीं है.

चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में 44% उम्मीदवार निर्दलीय हैं. कुल 485 नॉमिनेशन फाइल हुए हैं. जम्मू-कश्मीर में पहले दो चरणों में होने वाले चुनाव में 122 निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं. 2014 के चुनाव में पहले दो चरणों में होने जा रहे विधानसभा क्षेत्रों में कुल 87 निर्दलीय प्रत्याशी खड़े हुए थे.

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2014 में 31% और 2008 में 37% निर्दलीय कैंडिडेट ने लड़ा चुनाव
राज्य में 2014 में आखिरी बाद विधानसभा के चुनाव हुए थे. पिछली बार विधानसभा चुनाव में निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवारों की कुल संख्या 278 थी. जबकि, निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या 87 (31%) थी. इससे पहले 2008 में, 190 निर्दलीय उम्मीदवारों ने पहले दो फेज के चुनाव वाले निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ा था. हालांकि, तब 518 उम्मीदवारों में से सिर्फ 37% उम्मीदवार ही शामिल हुए थे.

प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी ने भी 6 सीटों पर उतारे उम्मीदवार
दिलचस्प बात ये भी है कि कुलगाम जिले के बडगाम में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी भी 6 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. एक अधिकारी ने कहा, "जमात ने बिजबेहरा श्रीगुफ़्वारा से भी ऑनलाइन फॉर्म भरा था. लेकिन फिजिकली नॉमिनेशन दाखिल नहीं किया." वहीं, सरजन बरकती उर्फ आजादी चाचा उमर अब्दुल्ला के खिलाफ गांदरबल सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा 7 निर्दलीय उम्मीदवार भी इस सीट से मैदान में हैं.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के वाइस प्रेसिडेंट उमर अब्दुल्ला अपनी सीट से सात निर्दलीय को खड़े होने से हैरान हैं. अब्दुल्ला ने यह दावा किया कि BJP ने छोटी पार्टियों और निर्दलियों के साथ डील की है, ताकि BJP उनकी मदद से जम्मू-कश्मीर में सरकार बना सके. उमर अब्दुल्ला ने BJP के मैनिफेस्टो लॉन्च के दौरान अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पर गृह मंत्री अमित शाह की चुप्पी को लेकर सवाल उठाया है.

यूपी और दिल्ली की छोटी पार्टियां भी मैदान में
इस चुनाव में छोटे-छोटे क्षेत्रीय दल भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें यूपी के फर्रुखाबाद में रजिस्टर्ड अनारक्षित समाज पार्टी भी शामिल है. इस पार्टी का कहना है कि यह जाति व्यवस्था के खिलाफ लड़ रही है. इसके दो प्रत्याशी मैदान में हैं. चन्नपोरा सीट से अनारक्षित समाज पार्टी ने मेहराज हिलाल वानी को प्रत्याशी बनाया हैं, जो BJP के प्रत्याशी हिलाल अहमद वानी के बेटे हैं. कांग्रेस से BJP में आए नेता हिलाल अहमद को इस सीट के लिए चुने जाने की खबर के कारण BJP के चन्नपोरा अध्यक्ष और उनकी 40 की पूरी टीम ने इस्तीफा दे दिया था.

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दूसरी ओर, दिल्ली के विकासपुरी में रजिस्टर्ड संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी और यूपी के कानपुर में नेशनल लोकतांत्रिक पार्टी भी इस बार चुनाव में उतरी है. 

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जम्मू-कश्मीर में ये पार्टियां भी आजमा रहीं किस्मत
जम्मू-कश्मीर के चुनाव में अन्य छोटी पार्टियां भी अपनी किस्मत आजमा रही हैं. गरीब डेमोक्रेटिक पार्टी, अमन और शांति तहरीक-ए-जम्मू व कश्मीर, ऑल जम्मू-कश्मीर लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी, नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी, जम्मू-कश्मीर ऑल अलायंस डेमोक्रेटिक पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनलिस्ट पीपुल्स फ्रंट चुनावी मैदान में है.

जानकारों का कहना है कि इन उम्मीदवारों के ज़रिए जम्मू-कश्मीर के सियासी खेल में हेरफेर किया जा सकता है. एक अधिकारी बताते हैं, "वैसे कुछ उम्मीदवार घोड़ा गाड़ी के लिए भी चुनाव लड़ रहे है." 

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