जम्मू-कश्मीर सरकार ने अनुसूचित जाति श्रेणी में 15 नए समूहों को शामिल करके केंद्र शासित प्रदेश में सामाजिक जाति सूची को फिर से तैयार किया है, जिन्हें अब नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का लाभ मिलेगा. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 के तहत सामाजिक जाति सूची को फिर से बनाने का आदेश जारी किया था.
सूची में शामिल लोगों में पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी हैं, जो जम्मू, गोरखा और जाट समुदाय के सदस्य हैं. यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा हाल ही में जम्मू-कश्मीर में पहाड़ी भाषी लोगों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की घोषणा के बाद लिया गया है.
आज के सर्कुलर में, जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने कानूनी समस्याओं से बचने के लिए 'पहाड़ी भाषी लोगों' शब्द को 'पहाड़ी जातीय लोगों' से बदल दिया.
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