कर्नाटक के बेंगलुरु शहर में स्कूलों के एक समूह की ओर से स्टूडेंट्स के बैग की तलाशी लिए जाने के दौरान कंडोम, गर्भनिरोधक और एक चाकू जैसी चीजें मिलीं. स्टूडेंट्स के बैग से ये चीजें मिलने से स्कूल प्रशासन हैरान रह गया, वहीं इस घटनाक्रम ने माता-पिता की चिंता बढ़ा दी है. एक स्कूल के प्रिंसिपल ने NDTV से कहा, "यह पहली बार है जब हमें बैग में कंडोम मिले हैं. माता-पिता ने भी बताया है कि उन्हें घर में भी कंडोम मिले हैं." कर्नाटक के एसोसिएटेड मैनेजमेंट ऑफ प्राइमरी एंड सेकेंडरी स्कूल्स के सदस्य स्कूलों की ओर से यह तलाशी अभियान चलाया गया था. स्कूल प्रशासन का मानना है कि पाठ्यक्रम में यौन शिक्षा को एक विषय के रूप में शामिल करने की तत्काल आवश्यकता है.
एक प्रिंसिपल ने कहा, "पाठ्यक्रम ठीक से तैयार नहीं किया गया है. हम सरकार से आग्रह करते हैं कि इसे जल्द से जल्द ऐसा करके यौन शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल करें. हमें उन्हें शिक्षित करना चाहिए और सही रास्ता दिखाना चाहिए. यदि ऐसा नहीं किया गया तो यह भविष्य में बड़ी 'मुसीबत' का कारण बनेगा." स्कूल प्रशासन के अलावा पेरेंट्स भी चिंतित हैं. एक अभिभावक ने कहा, "इसके लिए अनसैंसर्ड और बोल्ड स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म और सिनेमा की घर में फ्री उपलब्धता और खराब दोस्ती जिम्मेदार हैं. पेरेंट्स अपनी व्यस्तता के चलते बच्चों को बिजी रखने के लिए इन चीजों का उपयोग कर रहे हैं. केस-दर-केस उचित जांच के बाद ही इसके कारणों का खुलासा हो सकता है. " उन्होंने कहा, "बच्चों की गतिविधियों, दोस्ती, शेड्यूल पर लगाम कसने और उन पर नजर रखने के लिए बच्चों पर कड़ी निगाह रखना वक्त की जरूरत है।"
बच्चों और किशोरों के Behavioural patterns का अध्ययन करने वाली मणिपाल अस्पताल की एक सलाहकार डॉ. चित्रा शंकर ने कहा कि कोविड महामारी, जिसने कई बच्चों के लिए टेक्नोलॉती तक निर्बाध पहुंच का रास्ता साफ किया, ने संकट को और बद से बदतर किया. उन्होंने स्कूलों की इस बात से सहमति जताई कि कर्नाटक सरकार के लिए अपने पाठ्यक्रम में यौन शिक्षा को विषय के रूप में शुरू करने का समय आ गया है. उन्होंने कहा, "अगर यह घटनाकक्रम सामने नहीं आया होता तो हम अनभिज्ञ बने रहते."
ये भी पढ़ें-