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This Article is From Nov 18, 2016

तीन बार तलाक का समर्थन करती हैं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की महिला सदस्य

तीन बार तलाक का समर्थन करती हैं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की महिला सदस्य
प्रतीकात्मक फोटो.
कोलकाता: तीन बार तलाक को अपना समर्थन देते हुए ‘आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ की महिला सदस्यों ने आज केन्द्र पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया और सरकार से देश की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए योजनाएं लाने का अनुरोध किया.

बोर्ड के अनुसार, देशभर में करीब 10 करोड़ मुस्लिम महिलाओं ने तीन बार तलाक कहने की परंपरा के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान में भाग लिया है.

बोर्ड की कार्यकारी समिति सदस्य असमां जेहरा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश है. हर किसी को अपने धार्मिक अधिकारों का प्रयोग करने का अधिकार है. हम मुस्लिमों में तीन बार तलाक का मजबूती से समर्थन करते हैं और समान नागरिक संहिता का विरोध करते हैं. सरकार द्वारा तीन बार तलाक को लेकर गलत जानकारी फैलाई जा रही है.’’

आसमा ने कहा, ‘‘मुस्लिम समुदाय में तलाक की दर कम है. अन्य समुदायों में अलग होने, छोड़ देने और तलाकशुदा महिलाओं की संख्या कई गुना ज्यादा है.’’ यह बहस इसलिए शुरू हुई है क्योंकि सरकार ने तीन बार तलाक की परंपरा का विरोध किया है और कुछ प्रमुख महिला नेताओं ने इसे खत्म करने की वकालत की है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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