
प्रवर्तन निदेशालय के मुंबई जोनल ऑफिस ने 6 जून 2025 को मंबई, कोच्चि और त्रिशूर में कुल 18 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. यह कार्रवाई मीठी नदी डिजिल्टिंग घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत की गई. मामला प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज किया गया है.
इन प्रमुख लोगों की यहां छापेमारी
- प्रशांत रामगुड़े (BMC इंजीनियर
- भूपेंद्र पुरोहित (BMC कॉन्ट्रैक्टर
- M/s Matprop Technical Services Pvt. Ltd
- जय जोशी (Virgo Specialties Pvt. Ltd. के डायरेक्टर
- केतन कदम (Woder India LLP से जुड़े
- सेंटिनो रोको मोरेया उर्फ डीनो मोरेया (केतन कदम के करीबी सहयोगी
65 करोड़ का घोटाला, BMC को भारी चूना
ED की जांच उस FIR के आधार पर शुरू हुई थी, जो मुंबई के आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई थी. इस FIR में कुल 13 लोगों और संस्थाओं को आरोपी बनाया गया था, जिन पर मुंबई महानगरपालिका (BMC) को करीब ₹65 करोड़ का नुकसान पहुंचाने का आरोप है.
जांच में सामने आया है कि BMC इंजीनियर प्रशांत रामगुड़े, कॉन्ट्रैक्टर भूपेंद्र पुरोहित, जय जोशी, केतन कदम और कुछ अन्य लोगों ने मीठी नदी की डिजिल्टिंग से जुड़े टेंडरों में हेरफेर करने के लिए एक कार्टेल बनाया. इस गठजोड़ की वजह से कुछ चुनिंदा ठेकेदारों को ही काम मिला और काम की दरें जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गईं, जिससे इन लोगों को अनुचित मुनाफा हुआ.
फर्जी कंपनियों के जरिए पैसे की सफेदी
ED का कहना है कि इन लोगों ने मुनाफे को छुपाने और वैध दिखाने के लिए फर्जी कंपनियों (Shell Companies) का सहारा लिया. इन कंपनियों को केतन कदम, भूपेंद्र पुरोहित और प्रशांत रामगुड़े ने मिलकर खड़ा किया था, ताकि काले धन को सफेद किया जा सके.
- अब तक 1.25 करोड़ की संपत्ति फ्रीज़
- छापेमारी के दौरान ED ने
- ₹7 लाख नकद ज़ब्त किए
- 22 बैंक अकाउंट्स/एफडीआर और 1 डिमैट अकाउंट फ्रीज़ किए
- कुल मिलाकर अभी तक ₹1.25 करोड़ (लगभग) की संपत्ति फ्रीज़/ज़ब्त की गई है
- इसके अलावा कई डिजिटल डिवाइसेज़ और दस्तावेज़ भी बरामद किए गए हैं, जिनकी जांच जारी है
फिलहाल जांच जारी है
प्रवर्तन निदेशालय ने बताया है कि यह सिर्फ शुरुआती कार्रवाई है और मामले की गहन जांच PMLA, 2002 के तहत अभी जारी है. आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते हैं.
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