आजादी के 76 साल बाद सुप्रीम कोर्ट परिसर में संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा लगने जा रही है. इस बार का संविधान दिवस सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में भी अलग होगा.
देश में अधिकतर छोटे-बड़े शहर कस्बों, गांवों में डॉ आंबेडकर की हाथ उठाए आगे बढ़ने की प्रेरणा देती प्रतिमा लगी दिखती है. अब सुप्रीम कोर्ट परिसर में मौजूदा प्रधान न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पहल पर विधिवेत्ता डॉ आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. इसका अनावरण संविधान दिवस के अवसर पर 26 नवंबर को होगा.
तीन फुट ऊंचे आधार पर डॉक्टर आंबेडकर की सात फुट ऊंची प्रतिमा वकील की वेशभूषा में है. वे वकील की तरह गाउन और बैंड पहने हुए हैं और उनके एक हाथ में संविधान की प्रति है. यह प्रतिमा अंतरराष्ट्रीय स्तर के जानेमाने मूर्तिकार नरेश कुमावत ने तैयार की है.
सुप्रीम कोर्ट परिसर में अब तक दो मूर्तियां लगी हैं, एक तो मदर इंडिया का म्यूरल है जो भारतीय मूल के ब्रिटिश शिल्पी चिंतामणि कर ने बनाई, दूसरी महात्मा गांधी की प्रतिमा भी ब्रिटिश मूर्तिकार ने ही बनाई है. यह प्रतिमा भारत में जन्मे और भारतीय नागरिक कलाकार नरेश कुमावत ने बनाई है.
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