Indian Constitution: हर साल 26 नवंबर को देश भर में संविधान दिवस मनाया जाता है. यह वह ऐतिहासिक दिन है जब साल 1949 में संविधान सभा ने भारत के संविधान को औपचारिक रूप से अपनाया था. इसके कुछ अनुछेद 26 नवंबर को लागू कर दिए गए थे. हालाकि, हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को पूरी तरह से लागू हुआ, जिसके बाद भारत एक गणराज्य बना. इस साल 2025 में 76वें संविधान दिवस को खास बनाने के लिए केंद्र सरकार एक महत्वपूर्ण पहल कर रही है.
पहली बार नौ भारतीय भाषाओं में मिलेगा संविधान
सरकार इस साल संविधान के नौ भारतीय भाषाओं में अनुवाद जारी की गई. यह पहल देश के नागरिकों को उनकी अपनी भाषा में संविधान को पढ़ने और समझने का मौका है. आप अपने संविधान को अपनी भाषा में पढ़ सकते है. सरकार ने 8वीं सूची में शामिल 22 भाषाओं में से 9 भाषाओं का अनुवाद किया है. नेपाली, मलयालम, मराठी, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओड़िया, असमिया. इन अनुवादों को केंद्रीय विधि मंत्रालय के विधायी विभाग ने तैयार किया है.
नेपाली भाषा का हैं खास महत्व
अधिकारियों के अनुसार, इस साल की सबसे बड़ी उपलब्धि नेपाली भाषा में संविधान का उपलब्ध होना है. यह कदम भारत और नेपाल के बीच के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक संबंधों को देखते हुए काफी अहम है. नेपाली भाषी नागरिक अब अपनी भाषा में भारतीय संविधान को पढ़ और समझ सकेंगे, जिससे दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी समझ और जुड़ाव और मजबूत होगा.
इससे पहले इन भाषा में संविधान लिखा गया था
संविधान मूल रूप से दो भाषाओं में लिखा गया था.अंग्रेजी (English) और हिंदी (Hindi).ये दोनों ही भारतीय संविधान की मूल कॉपी हैं, जिन पर संविधान सभा के सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे. हालांकि, भारतीय संविधान 22 भाषाओं को आधिकारिक रूप से मान्यता देता है, जिनका जानकारी संविधान की आठवीं अनुसूची में दी गई है.
असमिया, बांग्ला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू, बोडो, संथाली, मैथिली और डोगरी. लेकिन अब सरकार ने अधिकारिक तौर पर 9 भाषाओं में अनुवाद कर जारी किया है.
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