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ठिठुरन के आगे थमी आस्था की डगर! हरिद्वार में कड़ाके की ठंड का सितम, गंगा स्नान करने वालों की संख्या 40% घटी

मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले कई दिनों तक हरिद्वार में यही स्थिति बनी रहेगी. गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि हरिद्वार एक जल तीर्थ है और इस दौरान पानी का तापमान अत्यंत कम होने के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ कम देखी जाती है.

ठिठुरन के आगे थमी आस्था की डगर! हरिद्वार में कड़ाके की ठंड का सितम, गंगा स्नान करने वालों की संख्या 40% घटी

उत्तराखंड में शीतलहर और भीषण ठंड का प्रकोप इस कदर बढ़ गया है कि गंगा में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालु घाटों से नदारद दिख रहे हैं, जिससे स्पष्ट है कि आस्था और श्रद्धा पर इस बार कड़ाके की ठंड भारी पड़ रही है. हालांकि, गंगा सभा का कहना है कि दिसंबर और जनवरी के महीने में हरिद्वार के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ सामान्य दिनों की तुलना में घटकर करीब 30 से 40% ही रह जाती है.

उत्तराखंड में पिछले लगभग 50 दिनों से न तो बारिश हुई है और न ही पहाड़ों पर अपेक्षित बर्फबारी हुई है, जिससे सूखी ठंड का प्रकोप बढ़ गया है. शीत लहर चलने और ठंड बढ़ने के साथ ही अब कोहरे ने भी अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है. तीर्थ नगरी हरिद्वार में बुधवार, 17 दिसंबर को सीजन का पहला घना कोहरा देखने को मिला, जिसने प्रसिद्ध 'हर की पौड़ी' को पूरी तरह अपने आगोश में ले लिया. कोहरे के कारण विजिबिलिटी (दृश्यता) कम होने से घाटों पर न के बराबर लोग दिखाई दे रहे हैं और गंगा स्नान करने वाले यात्रियों की संख्या भी काफी कम रही. सुबह से ही पूरी धर्मनगरी कोहरे और शीतलहर की चपेट में है, जिससे जनजीवन दूभर हो गया है. 

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मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले कई दिनों तक हरिद्वार में यही स्थिति बनी रहेगी. गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि हरिद्वार एक जल तीर्थ है और इस दौरान पानी का तापमान अत्यंत कम होने के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ कम देखी जाती है. दूसरी ओर, दिसंबर का आधा महीना बीत जाने के बाद भी पहाड़ों पर बर्फ की सफेद चादर नहीं दिखी है, जिससे पहाड़ सूखे हैं. हालांकि, चमोली की नीति घाटी और उत्तरकाशी के गंगोत्री में नदियां और झरने जमने लगे हैं, लेकिन बारिश न होने से मैदानी क्षेत्रों में कोहरे का कहर बढ़ गया है.

उत्तराखंड मौसम विभाग के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल के अनुसार, आगामी 21 और 22 दिसंबर को पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जैसे 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है, लेकिन हरिद्वार और उधम सिंह नगर जैसे मैदानी क्षेत्रों में फिलहाल कोहरे और सूखी ठंड से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है.

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