साल 2027 में होने वाले अर्ध कुंभ को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. साल 2027 में होने वाले अर्धकुंभ को लेकर सभी तिथियां जारी कर दी गई हैं. 14 जनवरी 2027 से अर्धकुंभ शुरू होगा. पहला स्नान 14 जनवरी 2027 को होगा, इसके बाद अन्य तिथियां भी घोषित कर दी गई हैं. साल 2021 में हरिद्वार में पूर्ण कुंभ हुआ था. इसके बाद अर्ध कुंभ 2027 में होना है, लेकिन राज्य सरकार 2027 में होने वाले अर्ध कुंभ को पूर्ण कुंभ की तरह मनाना चाहती है. यही वजह है कि अर्धकुंभ को लेकर तैयारी करीब 1 साल पहले से ही शुरू कर दी गईं हैं.
अप्रैल में होगा कुंभ का समापन
इस बार प्रदेश सरकार ओर संतो की सहमति से इस आयोजन को महा कुंभ का नाम दिया जा रहा है. इसको लेकर कुछ संतो ने अपना विरोध भी जताया था. कुल 97 दिनों के भव्य कुंभ में चार प्रमुख शाही स्नान होंगे. 14 जनवरी को पहला शाही स्नान होगा और अप्रैल में कुंभ का समापन होगा. चर्चा के दौरान सभी बातों पर संतों ने सहमति जताकर अखाड़ों से उठी पूर्व की आपत्तियों पर विराम लग गया. मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता में लगभग सहमति बनती नजर आ रही है.
कुंभ मेला सनातनी परंपरा में सबसे बड़ा पर्व
कुंभ मेला सनातनी परंपरा में सबसे बड़ा पर्व माना जाता है, जिसमें सभी सनातनी परंपरा को मानने वाले साधु संत स्नान कर खुद को पुण्य का भागी मानते हैं. ये परंपरा आदि काल से चली आ रही है. कुंभ मेला हर 12 वर्ष में आयोजित होता है, वहीं, अर्ध कुंभ हर 6 वर्ष में आयोजित होता है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि, "असहमति तो कहीं थी ही नहीं. सभी की सहमति थी. सभी पूज्य संत गणों ने आज कुंभ मेले को लेकर पूरी तरीके से अपना आशीर्वाद और हर प्रकार का सहयोग देने के लिए कहा है. कुंभ मेले के आयोजन में सबसे बड़ी भूमिका संत समाज की होती है. हमारे सभी अखाड़ो के संत गण यहां पर आज उपस्थित हैं. सभी के प्रतिनिधि यहां पर उपस्थिति थे और 2027 में होने वाला मेला बहुत दिव्य हो, भव्य हो, सभी प्रकार की व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो, उन सभी पर आज यहां चर्चा हुई है."
कुंभ मेल हमारा शानदार होगा
सीएम धामी ने कहा कि, "कुंभ मेल हमारा शानदार होगा, अच्छा होगा. जो भी यहां पर भक्तगण देश भर से आएंगे, सभी एक अच्छा अनुभव लेकर जाएंगे, उसके लिए प्रशासनिक दृष्टि से हमारी सारी तैयारियां आगे बढ़ रही हैं. हम सभी के सुझाव लेकर इसे बहुत भव्य आयोजन बनाएंगे. चूंकि अभी प्रारंभिक रूप से तिथियाों के बारे में घोषणा की गई है, जैसे-जैसे सभी के सुझाव आते रहेंगे उसके अनुसार इसको आगे बढ़ाते रहेंगे. विधिवत रूप से हमने इसकी तैयारी पहले ही प्रारंभ कर दी थी और यहां आज औपचारिक रूप से पूज्य सभी संतगणो का आशीर्वाद मिला है.
अर्धकुंभ 2027 के स्नान की तिथियां
- 14 जनवरी
- 6 फरवरी मौनी अमावस्या
- 11 फरवरी बसंत पंचमी
- 20 फरवरी माघ पूर्णिमा
- 6 मार्च महाशिवरात्रि अमृत स्नान
- 8 मार्च फागुन अमावस्या अमृत स्नान
- 7 अप्रैल नव संवत्सर
- 14 अप्रैल मेष सक्रांति अमृत स्नान
- 15 अप्रैल रामनवमी
- 20 अप्रैल चैत्र पूर्णिमा अमृत स्नान
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