BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केरल सरकार पर लगाया कट्टरपंथ के प्रति 'नरम रवैया' अपनाने का आरोप

जेपी नड्डा ने वाम सरकार में कथित भ्रष्टाचार को लेकर उसकी आलोचना की और दावा किया कि केरल में विजयन के नेतृत्व में कुप्रबंधन साफ दिखाई देता है.

BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केरल सरकार पर लगाया कट्टरपंथ के प्रति 'नरम रवैया' अपनाने का आरोप

बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा.

तिरुपनंतपुरम:

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने केरल की वाम सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए उस पर राज्य में कट्टरपंथ के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया. कोच्चि के पास एक ईसाई धार्मिक सभा में बम धमाकों के एक दिन बाद, सोमवार को भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि ये इंगित करता है कि कांग्रेस और वामपंथी दलों की सरकारों के तहत केरल में कानून-व्यवस्था की स्थिति कितनी खराब हो गई है और आतंकवाद कैसे फल-फूल रहा है.

नड्डा ने वाम सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि जब इस्लामी उग्रवादी समूह हमास के एक नेता ने केरल में आयोजित एक डिजिटल बैठक को संबोधित किया तो वामपंथी सरकार मूक दर्शक बनी रही. नड्डा ने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (राजग) के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही.

नड्ड ने बाद में सोशल मीडिया ‘एक्स'पर पोस्ट किया, ‘‘केरल में बम धमाका बताता है कि कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों की सरकार में केरल में कानून व्यवस्था कितनी खराब हुई है और आतंकवाद किस कदर फल-फूल रहा है.''

उन्होंने कहा, ‘‘केरल में बम धमाके की सभी को निंदा करनी चाहिए. केरल में कट्टरपंथी ताकतें लगातार सिर उठा रही हैं, लेकिन कट्टरपंथी ताकतों को लेकर केरल सरकार का रुख काफी नरम है. कांग्रेस भी इस पर चुप्पी साधे हुए है.''

आतंकवाद को लेकर विजयन सरकार चुप क्यों?- नड्डा
नड्डा ने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले ही केरल में एक कार्यक्रम को हमास नेता ने संबोधित किया था. आश्चर्य की बात है कि सत्ताधारी एलडीएफ (वाम लोकतांत्रिक मोर्चा) सरकार, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और कांग्रेस, सबने इस पर मौन धारण कर लिया है. आखिर आतंकवाद को लेकर ये चुप्पी क्यों? भाजपा इस मामले में स्वतंत्र जांच की मांग करती है. केंद्रीय गृह मंत्रालय इस मामले की जांच में केरल सरकार की हर संभव मदद करने को तैयार है.''

नड्डा ने तिरुवनंतपुरम में अपने संबोधन में हमास के साथ इजराइल के युद्ध के विरुद्ध हाल में राज्य में एक इस्लामी समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हमास नेता खालिद मशाल के डिजिटल माध्यम से जुड़ने का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि उसने अपने संगठन के बारे में खुलकर बात की और वामपंथी सरकार मूक दर्शक बनी रही.

उन्होंने कहा कि इसका क्या मतलब है? आप ‘गॉड्स ऑन कंट्री' (ईश्वर का अपना देश) केरल को बदनाम कर रहे हैं. उन्होंने लोगों से सवाल किया कि क्या वे इस प्रकार की चीजों की अनुमति देंगे?

बीजेपी अध्यक्ष ने एक दिन पहले कोच्चि के निकट कलमश्शेरि में हुए बम धमाकों का भी जिक्र किया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई. उन्होंने आरोप लगाया कि इसकी गहराई तक जाने पर ये पता लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा कट्टरपंथ को लेकर नरम रुख अपनाने के कारण शांतिपूर्ण राज्य में ऐसी स्थिति पैदा हुई है.

नड्डा ने वाम सरकार में कथित भ्रष्टाचार को लेकर उसकी आलोचना की और दावा किया कि केरल में विजयन के नेतृत्व में कुप्रबंधन साफ दिखाई देता है. नड्डा ने त्रिशूर जिले में करुवन्नूर सर्विस कॉरपोरेटिव बैंक में हुए कथित 300 करोड़ रुपये की अनियमितता का संकेत करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल इसमें संलिप्त है.

उन्होंने कहा कि ये केरल के लोगों की मेहनत की कमाई है. मौजूदा सरकार गलत काम करने वालों को बचा रही है. भाजपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री विजयन की बेटी की सॉफ्टवेयर कंपनी और एक निजी कंपनी के बीच वित्तीय लेनदेन को लेकर विवाद का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की बेटी को निजी कंपनी से 1.72 करोड़ रुपये मिले थे और उन्होंने जानना चाहा कि वह पैसा कहां से आया और किसने दिया.

नड्डा ने कहा कि राज्य में युवा मादक पदार्थ की चपेट में आ रहे हैं. उन्होंने इसके लिए वामपंथी सरकार के कुशासन को जिम्मेदार ठहराया.

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी पिनराई विजयन की सरकार के कुशासन की समस्याओं को उठाने, वर्तमान प्रशासन में व्याप्त घोटालों और भ्रष्टाचार पर बात करने के लिए यहां एकत्र हुए हैं. हमारा सामूहिक लक्ष्य केरल में समृद्धि, विकास और सुशासन लाने के हमारे प्रयासों में एकजुटता प्रदर्शित करना है.''

उन्होंने आगे कहा कि धरना विजयन सरकार के प्रति लोगों के कथित असंतोष को व्यक्त करने के लिए एक मंच है. उन्होंने दावा किया कि विजयन सरकार हताश और नीतिगत रूप से पंगु है.

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भाजपा के सैकड़ों समर्थक सुबह करीब छह बजे से ही सचिवालय के तीन प्रवेश द्वारों के बाहर एकत्र हो गए. इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया और यातायात को किसी और मार्ग की ओर परिवर्तित किया गया, ताकि कार्यालय जाने वाले लोगों तथा स्कूल जाने वाले छात्रों को दिक्कत न हो.