
श्रीराम जन्मभूमि पर निर्माणाधीन भव्य राम मंदिर में आज एक और ऐतिहासिक पड़ाव पार हुआ. मंदिर के गर्भगृह के मुख्य शिखर पर विधि-विधान के साथ कलश पूजन संपन्न हुआ. इस अवसर पर मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार और भक्ति भजनों का माहौल गूंजायमान रहा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों, साधु-संतों और स्थानीय श्रद्धालुओं की उपस्थिति में यह पूजन संपन्न हुआ.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने मीडिया को बताय कि गर्भगृह पर सवा नौ बजे कलश पूजन विधि प्रारम्भ कर साढ़े दस बजे विधि विधान से कलश स्थापित किया गया.

मंदिर निर्माण का दूसरा चरण अब तेज गति से आगे बढ़ रहा है. ट्रस्ट के अनुसार, गर्भगृह का शिखर पूर्ण होने के बाद अगले चरण में शिखर पर ध्वज स्थापना की जाएगी. विशेषज्ञों और इंजीनियरों की टीम दिन-रात निर्माण कार्य में जुटी है ताकि मंदिर का कार्य निर्धारित समय पर पूरा हो. माना जा रहा है कि अक्टूबर 2025 तक मंदिर का निर्माण कार्य पूरी तरह समाप्त हो जाएगा, जिसके बाद यह भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा.

मंदिर की वास्तुकला नागर शैली में तैयार की जा रही है, जो भारतीय मंदिर निर्माण कला का उत्कृष्ट नमूना है. गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा पहले ही हो चुकी है, और अब शिखर निर्माण के साथ मंदिर और भव्य रूप ले रहा है. निर्माण में प्रयुक्त पत्थर राजस्थान और गुजरात से लाए गए हैं, जिन्हें कुशल कारीगरों ने तराशा है.
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