
सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा में मलकान गिरि जिले के पूर्व डीएम मनीष अग्रवाल को अंतरिम जमानत का आदेश देते हुए निचली अदालत के समक्ष आत्म समर्पण कर जमानती बॉन्ड भरने का निर्देश दिया है. अग्रवाल के निजी सहायक यानी पीए की 2019 में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. वह इसी मामले में आरोपी हैं.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने यह आदेश पारित किया है. यह आदेश उडीसा उच्च न्यायालय में 28 अप्रैल को अग्रवाल और उनके कुछ तत्कालीन कर्मचारियों की अग्रिम जमानत खारिज करने के बाद आया है. देब नारायण पांडा (मृतक) तब मलकानगिरी के कलेक्टर रहे मनीष अग्रवाल के निजी सहायक के रूप में कार्यरत थे.
वे 27 दिसंबर, 2019 को ड्यूटी के दौरान लापता हो गए थे. अगले दिन, उनका शव सतीगुडा बांध स्थल से दमकल विभाग के कर्मियों ने बरामद किया था.
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