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This Article is From Apr 30, 2021

दिल्‍ली के लोगों के लिए केंद्र की भी जिम्‍मेदारी, 700 MT ऑक्‍सीजन की जरूरत तो 480 MT क्‍यों आवंटित है: SC

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि दिल्ली को 700 MT टन की जरूरत है तो 480 क्यों आवंटित है? दिल्ली में लोगों को जरूरत है तो 200 MT और बढ़ा सकते हैं.दिल्ली के नागरिकों के लिए केंद्र की भी जिम्मेदारी है.

दिल्‍ली के लोगों के लिए केंद्र की भी जिम्‍मेदारी, 700 MT ऑक्‍सीजन की जरूरत तो 480 MT क्‍यों आवंटित है: SC
SC ने पूछा, दिल्ली को 700 MT टन ऑक्‍सीजन की जरूरत है तो 480 क्यों आवंटित है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्ली:

कोरोना मामले पर सुनवाई के दौरान शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कई तल्‍ख सवाल पूछे. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि कि मरीजों के अस्पताल में भर्ती करने की क्या प्रक्रिया है, अस्थायी कोविड सेंटर बनाने की क्या तैयारी है और जो लोग इंटरनेट नहीं जानते या पढ़े लिखे नहीं है, उनके लिए वैक्सीन की क्या व्यवस्था है? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि जरूरी दवाओं का उत्पादन और वितरण सुनिश्चित क्यों नहीं हो पा रहा? सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हम स्वास्थ्य ढांचे को लेकर सरकार की सिर्फ आलोचना कर रहे हैं. हमें पता है कि पिछले 70 सालों में बहुत कुछ नहीं हो पाया लेकिन इस आपातकालीन स्थिति में अभी बहुत काम करने की ज़रूरत है.'

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सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि दिल्ली को 700 MT टन की जरूरत है तो 480 क्यों आवंटित है? दिल्ली में लोगों को जरूरत है तो 200 MT और बढ़ा सकते हैं.दिल्ली के नागरिकों के लिए केंद्र की भी जिम्मेदारी है.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र की दिल्ली के प्रति विशेष जिम्मेदारी है.दिल्ली के पास संसाधनों की की कमी है. दिल्ली में अलग-अलग राज्यों के लोग हैं. दिल्ली पर भी केंद्र ध्यान दे. SC ने कहा कि एक नेशनल अथॉरिटी के तौर पर केंद्र की  राष्ट्रीय राजधानी के लिए एक जिम्मेदारी बनती  है, और आप नागरिकों के लिए जवाबदेह हैं. SC ने केंद्र से पूछा कि क्या भारत में O2 की उपलब्धता पर्याप्त है, प्रति दिन 8,500 मीट्रिक टन की औसत मांग है. इस पर केंद्र ने कहा कि 10000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दैनिक आधार पर उपलब्ध है.फिलहाल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, लेकिन राज्यों द्वारा अपर्याप्त साधनों के कारण कुछ क्षेत्रों में उपलब्धता कम हो सकती है.

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इससे पहले, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार इस सुनवाई को सही रूप में ही ले रही है. इस पर सुप्रीम कोर्ट कि हम चाहते हैं कि हमारी सुनवाई से सकारात्मक बदलाव हो. सुनवाई के दौरान SG ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र का सेंट्रल कंट्रोल रूम 24 घंटे काम कर रहा है, ऑक्सीज़न की मांग अचानक से उठ जाती है. उन्‍होंने कहा कि हमने ऑक्सीज़न सप्लाई को लेकर आदेश जारी किया है कि कोई राज्य दूसरे राज्य की ऑक्सीज़न सप्लाई नहीं रोकेगा. केंद्र ऑक्सीज़न की सप्लाई के लिए टैंकर तक कि व्यवस्था कर रहा है, हम यह नहीं कह रहे हैं कि हम एक्सट्रा काम कर रहे हैं, टैंकर की कमी है लेकिन एक हफ्ते में यह समस्या भी हल हो जाएगी क्योंकि दूसरे काम में लगे टैंकर को भी ऑक्सीज़न की सप्लाई में लगया गया है. SG तुषार मेहता ने कहा कि हम कंट्रोल रूम के अधिकारियों से लाइव जुड़े रहते हैं, नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, कुछ राज्यों में दिकात आ रही है हम उसको भी जल्दी हल कर लेंगे.

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