प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
शनिवार को ओडिशा विधानसभा में प्रधानमंत्री की 'गरीबी' टिप्पणी को लेकर हंगामा हुआ और स्पीकर को पूरे दिन के लिए विधानसभा को स्थगित करना पड़ा. दरअसल बात यह है कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा को गरीब राज्य बताया था. उत्तर प्रदेश में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, 'अभी ओडिशा में चुनाव हुआ, वहां गरीबी इतनी है कि अगर हिंदुस्तान के सबसे गरीब ज़िले खोजने हैं तो वे ओडिशा में मिलते हैं, भुखमरी की चर्चा होती है तो लोग ओडिशा का उदाहरण देते हैं. अशिक्षा, गरीबी, बेरोज़गारी इसकी चर्चा होती है तो लोग ओडिशा का नाम लेते हैं, जहां भारतीय जनता पार्टी को झंडा लहराने के लिए जगह नहीं मिलती थी, लेकिन अभी यहां चुनाव हुआ और भारतीय जनता पार्टी के प्रति लोगों ने ऐसा समर्थन दिया कि सारे देश के लोग चौंक गए.'
शनिवार को जब ओडिशा विधानसभा शुरू हुई तब कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. कांग्रेस के विधायक तारा प्रसाद बहिनीपति वेल के पास एक कुर्सी पर खड़े हो गए और हंगामा करने लगे. बहिनीपति स्पीकर का माइक छीनने लगे. कांग्रेस के विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के लिए बिना शर्त माफ़ी की मांग कर रहे हैं. विधानसभा में इतना हंगामा होने लगा कि स्पीकर को 11.30 बजे तक हाउस को स्थगित करना पड़ा. 11.30 बजे हाउस जब दोबारा शुरू हुआ तो फिर हंगामा होने लगा और स्पीकर को पूरे दिन के लिए सदन को स्थगित करना पड़ा. सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बीजद के विधायकों ने भी प्रधानमंत्री के बयान से नाराज़ होकर विधानसभा के कैंपस में धारना देना शुरू कर दिया और प्रधानमंत्री से माफ़ी की मांग की.
प्रधानमंत्री की टिप्पणी को लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बयान देना पड़ा. धर्मेंद्र प्रधान ने एक प्रेस कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री का बचाव करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने कुछ गलत नहीं कहा है. प्रधान ने कहा, 'बीजद और कांग्रेस को ओडिशा की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए. प्रधान ने कहा कि ओडिशा हो या केंद्र, लंबे समय तक शासन करने के बावजूद भी कांग्रेस ओडिशा में गरीबी नहीं मिटा पाई. प्रधान ने कहा, 'इस बार ओडिशा के पंचायत चुनाव में गरीबी ही मुद्दा था और लोगों ने बीजेपी को वोट दिया. उन्होंनें रघुराम राजन की रिपोर्ट की हवाला देते हुए कहा कि 2013 में आई इस रिपोर्ट में ओडिशा को अल्प विकसित राज्य बताया गया था और उस वक्त केंद्र में बीजेपी की सरकार नहीं थी. प्रधान ने नगड़ा और दाना माझी के प्रसंग को उठाते हुए कहा कि क्या यह भुखमरी का प्रमुख उदाहरण नहीं है?
शनिवार को जब ओडिशा विधानसभा शुरू हुई तब कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. कांग्रेस के विधायक तारा प्रसाद बहिनीपति वेल के पास एक कुर्सी पर खड़े हो गए और हंगामा करने लगे. बहिनीपति स्पीकर का माइक छीनने लगे. कांग्रेस के विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के लिए बिना शर्त माफ़ी की मांग कर रहे हैं. विधानसभा में इतना हंगामा होने लगा कि स्पीकर को 11.30 बजे तक हाउस को स्थगित करना पड़ा. 11.30 बजे हाउस जब दोबारा शुरू हुआ तो फिर हंगामा होने लगा और स्पीकर को पूरे दिन के लिए सदन को स्थगित करना पड़ा. सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बीजद के विधायकों ने भी प्रधानमंत्री के बयान से नाराज़ होकर विधानसभा के कैंपस में धारना देना शुरू कर दिया और प्रधानमंत्री से माफ़ी की मांग की.
प्रधानमंत्री की टिप्पणी को लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बयान देना पड़ा. धर्मेंद्र प्रधान ने एक प्रेस कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री का बचाव करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने कुछ गलत नहीं कहा है. प्रधान ने कहा, 'बीजद और कांग्रेस को ओडिशा की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए. प्रधान ने कहा कि ओडिशा हो या केंद्र, लंबे समय तक शासन करने के बावजूद भी कांग्रेस ओडिशा में गरीबी नहीं मिटा पाई. प्रधान ने कहा, 'इस बार ओडिशा के पंचायत चुनाव में गरीबी ही मुद्दा था और लोगों ने बीजेपी को वोट दिया. उन्होंनें रघुराम राजन की रिपोर्ट की हवाला देते हुए कहा कि 2013 में आई इस रिपोर्ट में ओडिशा को अल्प विकसित राज्य बताया गया था और उस वक्त केंद्र में बीजेपी की सरकार नहीं थी. प्रधान ने नगड़ा और दाना माझी के प्रसंग को उठाते हुए कहा कि क्या यह भुखमरी का प्रमुख उदाहरण नहीं है?
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