
World Anaesthesia Day 2025: आज विश्व एनेस्थीसिया डे मनाया जा रहा है. जब भी हम सर्जरी या किसी बड़े मेडिकल प्रोसेस के बारे में सोचते हैं, सबसे पहले जो सवाल आता है वो है दर्द कैसे सहेंगे? लेकिन विज्ञान ने इसका जवाब बहुत पहले ही दे दिया था, एनेस्थीसिया. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मरीज को अस्थायी रूप से बेहोश किया जाता है ताकि वह दर्द महसूस न करे. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि एनेस्थीसिया वास्तव में कैसे काम करता है? कैसे यह हमारे दिमाग को 'स्विच ऑफ' कर देता है? इस लेख में हम आसान भाषा में समझेंगे कि एनेस्थीसिया कैसे काम करता है, दिमाग के कौन-से हिस्से और न्यूरॉन इससे प्रभावित होते हैं और यह प्रक्रिया कितनी जटिल लेकिन चमत्कारी है.
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एनेस्थीसिया क्या है?
एनेस्थीसिया एक संवेदनाहारी प्रक्रिया है जिसमें दवाओं की मदद से व्यक्ति को अस्थायी रूप से बेहोश किया जाता है. इसका उद्देश्य है कि मरीज को दर्द, डर या असहजता महसूस न हो. यह प्रक्रिया सर्जरी, डेंटल ट्रीटमेंट या किसी गंभीर चोट के इलाज में इस्तेमाल होती है.
एनेस्थीसिया के मुख्य प्रकार हैं:
जनरल एनेस्थीसिया: पूरा शरीर बेहोश होता है.
लोकल एनेस्थीसिया: शरीर के एक हिस्से को सुन्न किया जाता है.
रीजनल एनेस्थीसिया: नसों के एक समूह को ब्लॉक किया जाता है.
दिमाग कैसे होता है 'स्विच ऑफ'?
जब जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है, तो यह सीधे दिमाग के न्यूरॉन्स पर असर डालता है. हमारे दिमाग में लगभग 86 अरब न्यूरॉन्स होते हैं, जो दो प्रकार के होते हैं:
- उत्तेजक न्यूरॉन्स (Excitatory Neurons): ये हमें जागरूक और सतर्क रखते हैं.
- निरोधक न्यूरॉन्स (Inhibitory Neurons): ये उत्तेजक न्यूरॉन्स को कंट्रोल करते हैं.
एनेस्थीसिया की दवाएं इन दोनों न्यूरॉन्स के बीच के संतुलन को बदल देती हैं. ये दवाएं उत्तेजक न्यूरॉन्स को धीमा कर देती हैं और निरोधक न्यूरॉन्स को सक्रिय करती हैं. इसका असर यह होता है कि दिमाग की चेतना बंद हो जाती है, जैसे किसी कंप्यूटर को शटडाउन करना.
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कौन-से दिमागी हिस्से प्रभावित होते हैं?
थैलेमस (Thalamus): यह सेंसर से आने वाली जानकारी को प्रोसेस करता है. एनेस्थीसिया इसे धीमा कर देता है ताकि दर्द की जानकारी दिमाग तक न पहुंचे.
सेरेब्रल कॉर्टेक्स (Cerebral Cortex): यह सोचने, समझने और याद रखने का केंद्र है. एनेस्थीसिया इसे निष्क्रिय करता है जिससे व्यक्ति को कुछ याद नहीं रहता.
हिप्पोकैम्पस (Hippocampus): यह याददाश्त से जुड़ा होता है. एनेस्थीसिया इसे भी प्रभावित करता है जिससे सर्जरी के दौरान की घटनाएं याद नहीं रहतीं.
क्या एनेस्थीसिया नींद जैसा होता है?
बहुत लोग सोचते हैं कि एनेस्थीसिया का असर गहरी नींद जैसा होता है. लेकिन, वैज्ञानिकों के अनुसार, यह नींद नहीं बल्कि एक अलग न्यूरोलॉजिकल स्टेट है. नींद में दिमाग कुछ हद तक सक्रिय रहता है, लेकिन एनेस्थीसिया में दिमाग लगभग पूरी तरह निष्क्रिय हो जाता है.
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क्या एनेस्थीसिया पूरी तरह सुरक्षित है?
आमतौर पर एनेस्थीसिया सुरक्षित होता है, लेकिन कुछ मामलों में साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जैसे:
- सिरदर्द या चक्कर
- मतली या उल्टी
- अस्थायी भूलने की समस्या
इसलिए एनेस्थेटिस्ट मरीज की उम्र, वजन, मेडिकल हिस्ट्री और दवाओं के अनुसार डोज तय करते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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