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World Anesthesia Day 2025: जानिए एनेस्थीसिया क्या है और क्यों इलाज के दौरान पड़ती है इसकी जरूरत

World Anesthesia Day 2025 : विश्व एनेस्थीसिया दिवस सिर्फ एक खोज की याद नहीं, बल्कि एक पूरी दुनिया के लिए राहत और सहूलियत का प्रतीक है. यह दिन हमें बताता है कि मेडिकल साइंस ने कैसे इंसान की तकलीफ को कम करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. 

World Anesthesia Day 2025:  जानिए एनेस्थीसिया क्या है और क्यों इलाज के दौरान पड़ती है इसकी जरूरत
World Anesthesia Day के बारे में जानें.

World Anesthesia Day 2025 : सोचिए अगर किसी को ऑपरेशन कराना हो और उसे दवाई देकर भी दर्द न रोका जाए, तो क्या वह इंसान उस प्रक्रिया से गुजर पाएगा? शायद नहीं. लेकिन आज हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहां बड़ी से बड़ी सर्जरी बिना दर्द के की जा सकती है - और इसका श्रेय जाता है एनेस्थीसिया को. हर साल 16 अक्टूबर को 'विश्व एनेस्थीसिया दिवस' मनाया जाता है. यह दिन 1846 में ईथर एनेस्थीसिया के पहले सफल सार्वजनिक इस्तेमाल की याद में मनाया जाता है, जब पहली बार किसी मरीज की सर्जरी बिना दर्द के की गई थी. इस खोज ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया रास्ता खोल दिया.

विश्व एनेस्थीसिया दिवस (World Anesthesia Day)

एनेस्थीसिया क्या है?

एनेस्थीसिया एक ऐसी प्रोसेस है, जिसमें मरीज को बेहोश या अंशतः अचेत कर दिया जाता है, ताकि उसे दर्द महसूस न हो. इसका इस्तेमाल सर्जरी के दौरान या किसी गंभीर जांच प्रक्रिया में किया जाता है. बिना एनेस्थीसिया के सर्जरी जैसी प्रक्रिया की कल्पना भी नहीं की जा सकती.

क्यों खास है 16 अक्टूबर?

16 अक्टूबर 1846 को अमेरिका के बोस्टन शहर में डॉक्टर विलियम टी. जी. मॉर्टन ने पहली बार पब्लिक के सामने ईथर गैस का इस्तेमाल किया. उन्होंने एक मरीज की गर्दन की गांठ निकालने के दौरान उसे दर्द नहीं होने दिया. यही दिन आज के 'एनेस्थीसिया' साइंस की नींव माना जाता है.

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आज की जरूरत

आज लाखों ऑपरेशन हर साल पूरी दुनिया में होते हैं. इनमें दिल, दिमाग, हड्डी, आंख, कान जैसे अंगों की बड़ी-बड़ी सर्जरी भी शामिल हैं. ये सभी इलाज एनेस्थीसिया के बिना मुमकिन नहीं होते. आज यह सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि डॉक्टरों और मरीजों के बीच भरोसे की एक कड़ी बन चुका है.

एनेस्थीसिया स्पेशलिस्टों की भूमिका

हर अस्पताल में एनेस्थीसिया देने वाले स्पेशलिस्ट होते हैं, जिन्हें एनेस्थेटिस्ट कहा जाता है. ये लोग न सिर्फ ऑपरेशन के दौरान मरीज की हालत को संभालते हैं, बल्कि ऑपरेशन के पहले और बाद तक हर पल उसकी निगरानी करते हैं. इनका काम बहुत ज़िम्मेदारी भरा होता है, लेकिन अक्सर इनके योगदान को नजरअंदाज कर दिया जाता है.

क्यों मनाना चाहिए यह दिन?

इस दिन को मनाने का मकसद है लोगों को यह समझाना कि इलाज का हर कदम आसान नहीं होता. इसके पीछे कई लोगों की मेहनत होती है, जिनमें एनेस्थीसिया देने वाले स्पेशलिस्ट सबसे अहम होते हैं. यह दिन उनके सम्मान और योगदान को पहचान देने का एक तरीका है.

ऑफिशियल डेट

हर साल 16 अक्टूबर को 'विश्व एनेस्थीसिया दिवस' मनाया जाता है. 

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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