Best Test For Women's Health: घर परिवार की फिक्र में डूबू रहने वाली महिलाएं अक्सर अपनी सेहत का ख्याल रखना भूल जाती हैं. एक उम्र तक ये अनदेखी कोई सेहत पर कोई खास असर नहीं डालती हैं, जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है हमें अहसास होने लगता है कि हमारी सेहत जवाब दे रही है. जब तक इस बात का अहसास होता है तब तक कमजोरी बुरी तरह हावी हो चुकी होती है. अब जरा सोचिए जब आप खुद ही कमजोर होंगी तो अपने परिवार की सेहत का ध्यान कैसे रख सकेंगी. इसलिए ये बहुत जरूरी हो जाता है कि अपने अपनों की चिंता करने से पहले अपनी सेहत पर भी ध्यान दे लें. ये बहुत मुश्किल काम भी नहीं है. सालाना कुछ टेस्ट करवाकर आप जान सकती हैं कि आप कितनी सेहतमंद हैं. फरीदाबाद स्थित एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस की सीनियर कंसलटेंट और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सोनम गुप्ता से आप विस्तार से जान सकती हैं कि हर साल कौन कौन से टेस्ट कराकर आप चुस्त, दुरुस्त और तंदुरुस्त रह सकती हैं.
महिलाओं को कौन टेस्ट करवाने चाहिए? | Which Tests Should Women Get?
1) पेप्समीयर सर्वाइकल स्मीयर
गर्भाशय और सर्विक्स में कैंसर पनप रहा है या नहीं या उसके कोई शुरुआती लक्षण तो नहीं, ये जानने के लिए ये टेस्ट किया जाता है. 35 की उम्र के बाद डॉ सोनम गुप्ता साल में एक बार जरूर ये जांच कराने की सलाह देती हैं.
2) एचपीवी डीएनए टेस्ट
ये टेस्ट सर्वाइकल कैंसर को डायग्नोज करने के लिए किया जाता है. इस टेस्ट के जरिए ये जानकारी हासिल की जा सकती है कि कहीं मरीज को एचपीवी के 13 या 14 होने का खतरा तो नहीं है.
2) मैमोग्राफी
मैमोग्राफी टेस्ट के जरिए ब्रेस्ट की पूरी जांच होती है. इस जांच में ब्रेस्ट में पनपने वाली गांठ या कैंसर का पता लगाया जा सकता है.
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3) डेक्सा स्कैन
डेक्सा स्कैन को बोन डेंसिटी टेस्ट भी कहा जाता है. 35 साल की उम्र के बाद महिलाओं की बोन की डेंसिटी कम होने लगती है, जिसके बाद वो हड्डियों की कमजोरी की शिकार हो जाती हैं. डेक्सा स्कैन से ये जानकारी हासिल की जा सकती है कि उनकी हड्डियां कितनी कमजोर हुई हैं. बोन्स कितनी जल्दी फ्रैक्चर का शिकार हो सकती हैं. साथ ही कोई डेफिशियेंसी है या नहीं.
4) विटामिन डी टेस्ट
हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम की तरह ही विटामिन डी भी जरूरी है. डॉ. सोनम गुप्ता के मुताबिक अब महिलाओं के पास इतना समय नहीं है कि वो धूप में बैठी रह सकें. इस जांच के जरिए ये पता लगाया जा सकता है कि विटामिन डी कम है या नहीं. अगर कम है तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स लिए जाने चाहिए.
5) लिपिड टेस्ट
लिपिड टेस्ट के जरिए समय रहते ये पता चल जाता है कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल तेजी से तो नहीं बढ़ रहा, जिसके बाद सही समय पर दवाओं का सहारा लेना आसान होता है.
5) होल एब्डोमेन अल्ट्रासाउंड
इस जांच से ये पता लगाया जा सकता है कि पेट से जुड़ी कोई गंभीर समस्या तो नहीं है. अक्सर महिलाएं हर समस्या को एसिडिटी मानकर छोड़ देती हैं. जबकि नतीजे गंभीर हो सकते हैं.
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6) गायनी अल्ट्रासाउंड
इस जांच में डॉक्टर महिलाओं के यूट्रस, ओवरी और सर्विक्स की जांच करते हैं. इसके जरिए सिस्ट और फाइब्रॉइड्स जैसी तकलीफों की जानकारी मिल जाती है.
(डॉक्टर सोनम गुप्ता, सीनियर कंसलटेंट और स्त्री रोग विशेषज्ञ, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस)
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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