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This Article is From Jun 20, 2022

Women Health: एस्ट्रोजन हार्मोन क्या है, इसके घटने या बढ़ने से शरीर पर क्या पड़ता है प्रभाव

Women Health: एस्ट्रोजन हार्मोन प्रजनन स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाता है. स्तनों के विकास जैसे शारीरिक बदलाव लाने में ये हार्मोन मदद करता है. इसके घटने या बढ़ने का शरीर पर बहुत प्रभाव पड़ता है.

Women Health: एस्ट्रोजन हार्मोन क्या है, इसके घटने या बढ़ने से शरीर पर क्या पड़ता है प्रभाव
Women Health: एस्ट्रोजन हार्मोन महिलाओं के लिए कितना है जरूरी.

एस्ट्रोजन एक सेक्स हार्मोन है जो महिलाओं के यौन और प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक है. मासिक धर्म चक्र के दौरान एस्ट्रोजन के स्तर में स्वाभाविक रूप से उतार-चढ़ाव होता है और रजोनिवृत्ति (menopause) के दौरान गिरावट आती है. ये हार्मोन प्रजनन स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाता है. स्तनों के विकास जैसे शारीरिक बदलाव लाने में ये हार्मोन मदद करता है. इसके घटने या बढ़ने का शरीर पर बहुत प्रभाव पड़ता है. यहां हम आपको एस्ट्रोजन हार्मोन के बढ़ने या घटने के शरीर पर क्या प्रभाव होते है इस बारे में बता रहे हैं.


एस्ट्रोजन असंतुलन के प्रभाव- Effects Of Estrogen Imbalance:
1. अनियमित या मासिक धर्म नहीं होना.
2. मासिक धर्म के दौरान हल्का या भारी रक्तस्राव.
3. अधिक गंभीर मासिक धर्म या रजोनिवृत्ति के लक्षण.
4.स्तन और गर्भाशय में गांठ.
5. मूड में बदलाव और नींद की समस्या.
6. वजन बढ़ना, मुख्य रूप से कूल्हों, जांघों और कमर में.
7. कम यौन इच्छा.
8. थकान, अवसाद और चिंता. 

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एस्ट्रोजन लेवल के बढ़ने पर सेक्स ड्राइव में कमी, वजन बढ़ना, अनियमित पीरियड जैसे लक्षण दिखते है. वहीं लेवल के घटने पर कमजोर हड्डियां, रात में पसीना, अनियमित पीरियड, सिरदर्द, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, थकान, सोने में परेशानी, मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन और अवसाद, योनि का सूखापन जैसे लक्षण दिखते हैं. 

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सामान्य एस्ट्रोजन लेवल क्या है- What Is A Normal Estrogen Level?
एस्ट्रोजन का स्तर उम्र भर बढ़ता और गिरता रहता है. उतार-चढ़ाव सामान्य है उदाहरण के लिए, यौवन के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ना और रजोनिवृत्ति के करीब आते ही गिरना सामान्य है. ओव्यूलेशन के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ना सामान्य है ताकि आपका शरीर गर्भावस्था के लिए खुद को तैयार कर सके. पीरियड के दौरान स्तरों का गिरना सामान्य है. समस्या तब होती है जब एस्ट्रोजन का लेवल बहुत ज्यादा गिर जाता है या बढ़ जाता है. लैब टेस्ट से इसके लेवल को मापा जाता है. टेस्ट में एस्ट्रोन (E1), एस्ट्राडियोल (E2) या एस्ट्रिऑल (E3) का लेवल चेक होता है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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