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जब पीरियड्स हमेशा के लिए बंद हो जाएं, तो उस दौरान इन योगासन की मदद से मैनेज करें हार्मोन्स, ऐसे बनाएं डाइट

Yoga For Menopause: योग न सिर्फ शरीर को फ्लेक्सिबल बनाता है, बल्कि मानसिक संतुलन भी बनाए रखता है. कुछ आसान योगासन मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में मददगार हैं.

जब पीरियड्स हमेशा के लिए बंद हो जाएं, तो उस दौरान इन योगासन की मदद से मैनेज करें हार्मोन्स, ऐसे बनाएं डाइट
Yoga For Menopause: योग न सिर्फ शरीर को फ्लेक्सिबल बनाता है, बल्कि मानसिक संतुलन भी बनाए रखता है.

Yoga For Women Over 40: मेनोपॉज महिलाओं के जीवन का एक प्राकृतिक लेकिन चुनौतीपूर्ण समय होता है. आमतौर पर यह 45 से 55 साल की उम्र के बीच होता है, जब शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन लेवल घटने लगता है. इसके कारण महिलाओं को गर्मी लगना, मूड स्विंग्स, नींद की कमी, थकान और भावनात्मक अस्थिरता जैसी समस्याएं हो सकती हैं. योग विशेषज्ञ हंसाजी योगेंद्र और अन्य हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस समय सही डाइट और योग के जरिए इन लक्षणों को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है.

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मेनोपॉज में योग का महत्व

योग न सिर्फ शरीर को फ्लेक्सिबल बनाता है, बल्कि मानसिक संतुलन भी बनाए रखता है. कुछ आसान योगासन मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में मददगार हैं:

ताड़ासन: यह आसन शरीर में खिंचाव लाता है, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है और पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत करता है.
सुखासन: ध्यान और शांति के लिए यह आसन बेहद फायदेमंद है. इससे तनाव कम होता है और मन शांत रहता है.
प्राणायाम और ध्यान: नियमित रूप से गहरी ब्रीदिंग प्रोसेस से हार्मोनल असंतुलन को संतुलित किया जा सकता है.
योग के साथ-साथ प्रकृति में समय बिताना, टहलना और खुद को रिलैक्स करना भी जरूरी है.

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मेनोपॉज में कैसी हो डाइट?

मेनोपॉज के दौरान शरीर को ज्यादा पोषण की जरूरत होती है. इसलिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है:

प्रोटीन से भरपूर भोजन: अंकुरित अनाज, भीगे हुए बादाम और मूंगफली जैसे फूड्स शरीर को ताकत देते हैं और मांसपेशियों को मजबूत रखते हैं.
कैल्शियम और विटामिन डी: हड्डियों की सेहत के लिए इनका सेवन जरूरी है. दूध, दही, पनीर और धूप में समय बिताना फायदेमंद है.
फाइबर रिच फूड्स: कब्ज और पाचन की समस्याओं से बचने के लिए फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज खाएं.
हाइड्रेशन: नींबू पानी, नारियल पानी और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना शरीर को हाइड्रेटेड रखता है.
सोडियम और शुगर कम करें: नमक और मीठे का सेवन सीमित करें ताकि बीपी और वजन कंट्रोल में रहे.

मेनोपॉज एक बदलाव है, न कि बीमारी. इसे समझदारी और संतुलन से मैनेज किया जा सकता है. योग और सही खानपान अपनाकर महिलाएं इस दौर को सहजता से पार कर सकती हैं. एक्सपर्ट्स की सलाह मानें, खुद को समय दें और अपने शरीर की जरूरतों को समझें, तभी यह बदलाव आपके लिए सशक्त अनुभव बन सकता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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