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किन लोगों को व्रत नहीं रखना चाहिए? ये गलती पड़ सकती है भारी, जानिए वजह

Who Should Avoid Fasting: नवरात्रि पर बहुत से लोग नौ दिनों तक व्रत रखते हैं. और भी ऐसे कई मौके होते हैं जब फास्ट रखा जाता है. लेकिन, क्या आपको पता है कि किन लोगों को व्रत नहीं रखना चाहिए और क्यों? आइए जानते हैं.

किन लोगों को व्रत नहीं रखना चाहिए? ये गलती पड़ सकती है भारी, जानिए वजह
Who Should Not Fast: कुछ लोगों को व्रत रखने की मनाही होती है.

People Who Should Not Do Fasting: भारत में व्रत रखना एक धार्मिक और आध्यात्मिक परंपरा है, जिसे लोग श्रद्धा और विश्वास के साथ निभाते हैं. चाहे वह नवरात्रि हो, एकादशी, करवा चौथ या कोई अन्य पर्व, व्रत को आत्मशुद्धि और संयम का प्रतीक माना जाता है. व्रत रखने से शरीर को डिटॉक्स करने का मौका मिलता है और मन को शांति मिलती है. लेकिन, हर व्यक्ति के लिए व्रत रखना सही नहीं होता. कुछ खास हेल्थ कंडीशन या लाइफस्टाइल वाले लोगों के लिए व्रत नुकसानदायक हो सकता है. अगर आप बिना सोचे-समझे व्रत रखते हैं, तो यह आपकी सेहत पर गंभीर असर डाल सकता है. इसलिए जरूरी है कि व्रत रखने से पहले अपनी फिजिकल कंडीशन को जांच लें और डॉक्टर से सलाह लें. आइए जानते हैं किन लोगों को व्रत नहीं रखना चाहिए और क्यों.

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इन 5 तरह के लोगों को नहीं रखना चाहिए व्रत- (These 5 Types of People Should Not Fast)

1. डायबिटीज के मरीज

डायबिटीज वाले लोगों को समय पर खाना और दवा लेना बेहद जरूरी होता है. व्रत के दौरान लंबे समय तक खाली पेट रहना ब्लड शुगर को इंबैलेंस कर सकता है. इससे कमजोरी, चक्कर आना या बेहोशी तक हो सकती है. अगर व्रत रखना जरूरी हो, तो डॉक्टर की सलाह से ही करें और बीच-बीच में फल या हल्का भोजन लें.

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2. हार्ट रोगी

दिल की बीमारी से जूझ रहे लोगों को रेगुलर दवा और अच्छे खानपान की जरूरत होती है. व्रत के दौरान नमक, पानी और एनर्जी की कमी से ब्लड प्रेशर गिर सकता है या दिल की धड़कन असामान्य हो सकती है. ऐसे लोगों को व्रत से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए.

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3. गर्भवती महिलाएं

प्रेग्नेंसी के दौरान भी व्रत रखने की मनाही होती है. इस समय शरीर को एक्स्ट्रा न्यूट्रिशन की जरूरत होती है. व्रत के कारण पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे मां और बच्चे दोनों की सेहत पर असर पड़ सकता है. खासकर पहले और तीसरे तिमाही में व्रत रखना जोखिम भरा हो सकता है.

4. बुजुर्ग और कमजोर लोग

उम्र बढ़ने के साथ शरीर की एनर्जी और सहनशक्ति कम हो जाती है. बुजुर्गों को व्रत के कारण थकान, चक्कर या कमजोरी महसूस हो सकती है. अगर कोई पहले से ही कमजोर है या किसी बीमारी से उबर रहा है, तो व्रत से बचना ही बेहतर है.

5. स्ट्रेस या डिप्रेशन से जूझ रहे लोग

व्रत के दौरान खाना न खाने से मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है. मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति को व्रत से और ज्यादा तनाव हो सकता है. ऐसे में मानसिक शांति के लिए बैलेंस डाइट और रेगुलर रूटीन जरूरी होती है.

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महत्वपूर्ण बातें:

अपने शरीर की सुनें: अगर आपको अस्वस्थता, चक्कर आना या कमजोरी महसूस हो रही है, तो उपवास तोड़ना जरूरी है.
किसी डॉक्टर से सलाह लें: अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो उपवास करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.
स्ट्रिक्ट डाइट प्लान: उपवास के बजाय आप आंशिक उपवास या सात्विक डाइट अपना सकते हैं.
हाइड्रेटेड रहें: हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब पानी, ताजा जूस और दूध पिएं.

व्रत रखना एक पवित्र काम है लेकिन, सेहत से समझौता करके नहीं. हर व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्थिति अलग होती है. अगर आप किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं या शरीर कमजोर है, तो व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें. श्रद्धा के साथ-साथ समझदारी भी जरूरी है ताकि व्रत का लाभ मिले, नुकसान नहीं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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